भगवंत मान ने भूजल को बचाने के लिए पंजाब निवासियों का सहयोग मांगा

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आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुमूल्य कुदरती साधनों की संभाल करना हम सभी का फ़र्ज़ बनता
महाराजा जस्सा सिंह रामगढ़िया के जन्म दिवस के मौके पर राज्य स्तरीय समागम के दौरान मशहूर शख्सियतों का सम्मान
लुधियाना, 5 मईः
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब की हवा, पानी और धरती को बचाने का न्योता देते हुये किसानों को रिवायती फ़सली चक्र से बाहर निकल कर थोड़े समय में तैयार होने और कम पानी के प्रयोग वाली वैकल्पिक फसलें बीजने का न्योता दिया है।
आज यहाँ पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी, लुधियाना के डॉ. मनमोहन सिंह ऑडीटोरियम में राज्य स्तरीय समागम के मौके पर महाराजा जस्सा सिंह रामगढ़िया के जन्म दिवस पर श्रद्धा और सम्मान भेंट करते हुये कहा कि भूजल को बचाने के लिए वह बीते कई दिनों से लगातार कृषि माहिरों के साथ विचार विमर्श कर रहे हैं क्योंकि यह नाजुक मसला सीधे तौर पर हमारी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य से जुड़ा हुआ है जिस कारण इस स्थिति को लेकर हम सभी ही चिंतित हैं।
मुख्यमंत्री ने लोगों ख़ास कर किसानों के सहयोग की माँग करते हुये कहा कि पंजाब को बचाने के लिए उनकी नीयत साफ़ है और आने वाले दिनों में फ़सलीय विभिन्नता को बढ़ावा देने के लिए किसानों के सहयोग से कई बड़े फ़ैसले लिए जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से भी फ़सलीय विभिन्नता को अपनाने वालों की हर संभव मदद की जायेगी। उन्होंने साथ ही अपील की कि किसान मॉनसून के दौरान ही धान की फ़सल बीजें जिससे भूजल की बचत हो सके।
भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में भ्रष्टाचार और माफीए का अंधेरा छाया हुआ है जिसको जल्द दूर करके ईमानदारी का प्रकाश किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने नेताओं आपस में मिले हुए थे, जिस कारण वह मतदान में हारने के बावजूद पिछले कई दशकों से सरकारी सहूलतों का आनंद मानते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे नेता अभी भी सरकारी रिहायशों समेत अन्य सरकारी सुख-सुविधाएं छोड़ने के लिए तैयार नहीं, परन्तु उनकी सरकार की तरफ से लिए जा रहे सख़्त फ़ैसलों के कारण अब ऐसा नहीं चलेगा। उन्होंने अपने विधायकों और पार्टी अधिकारियों को भी ईमानदारी पर पहरा देते हुये सत्य के साथ डट कर खड़ा होने का न्योता दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी सरकारों के नेताओं की तरफ से सत्ता में आकर अपने निजी फायदोंं के लिए ही फ़ैसले लिए गए थे परन्तु अब उनकी सरकार आए को अभी 50 दिन ही हुए हैं, जिस दौरान कई जन हितैषी फ़ैसले लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पुराने नेताओं में इच्छा शक्ति की कमी के कारण हमारे बहुत से नौजवान सरकारी नौकरियाँ से वंचित रह गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने आते ही 26 हज़ार से अधिक नौकरियों की सरकारी भर्ती के लिए इश्तिहार जारी कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि आने वाले दिनों में राज्य की भलाई के लिए कई बड़े फ़ैसले लिए जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब के नौजवानों को विश्वास दिलाया कि वह पंजाब में ही उनके अच्छे भविष्य के लिए मौके सृजित करेंगे और किसी को रोज़गार के लिए विदेशों की तरफ रूख नहीं करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने महाराजा जस्सा सिंह रामगढ़िया के जन्म दिवस के मौके पर श्रद्धा और सम्मान भेंट करते हुये कहा कि सिक्खी, बहादुरी, जोश और ज़ुल्म के खि़लाफ़ लड़ना उनको विरासत में मिला था। उन्होंने कहा कि गुरू नानक साहब जी से लेकर महान सिख जरनैल हमेशा ज़ुल्म के खि़लाफ़ लड़ते रहे और पीढ़ितों का साथ देते रहे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि परन्तु आज के समय की त्रासदी है कि पिछले कई दशकों से सत्ता में रहने वाले हमारे अपनों ने ही हम पर ज़ुल्म ढहाए हैं और पंजाब को लूटा है। उन्होंने साथ ही कहा कि पंजाब को लूटने वालों को बक्शा नहीं जायेगा और लोगों की तरफ से दी शक्ति जन कल्याण के लिए ही इस्तेमाल की जायेगी।
इस मौके पर रामगढ़िया भाईचारे से सम्बन्धित मशहूर सख्शियतें जिनमें पंजाबी लोक गायक सुरिन्दर छिन्दा, समाज सेवक और उद्योगपति अमरीक सिंह घड़ियाल (गांव रकबा), समाज सेवीं और बरनाला इंडस्ट्रीज के मालिक कुलवंत सिंह लोटे, शिक्षा शास्त्री प्रिंसिपल चमकौर सिंह, प्रसिद्ध विद्वान और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व डायरैक्टर अनुराग सिंह और नौजवान उद्योगपति सन्दीप कौर रिआत को इस मौके पर विशेष तौर पर सम्मानित किया।
इससे पहले विधायक सरवजीत कौर माणूके, राजिन्दरपाल कौर छीना, तरुनप्रीत सिंह सौंध, गुरप्रीत बस्सी गोगी, शिक्षा शास्सी के.ऐन.ऐस कंग और डॉ. अनुराग सिंह ने भी अपने विचार पेश किये।
इस मौके पर दूसरों के इलावा विधायक जीवन सिंह संगोवाल, कुलवंत सिंह सिद्धू, हाकम सिंह ठेकेदार, मदन लाल बग्गा, दलजीत सिंह ग्रेवाल, अशोक पराशर पप्पी, हरदीप सिंह मुंडीआं, जगतार सिंह दियालपुरा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. वेणू प्रसाद, डिविज़नल कमिशनर चंद्र गैंद, डिप्टी कमिशनर सुरभी मलिक और कमिशनर पुलिस कौशतुभ शर्मा भी हाजिर थे।
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