कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने पंजाब में कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन का कड़ा विरोध किया

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पीसीसी प्रमुख ने पार्टी नेताओं और कैडर को कांग्रेस-आप गठबंधन के खिलाफ अपनी राय मजबूती से पेश करने का आश्वासन दिया

पीसीसी प्रमुख ने पार्टी नेताओं को अनुशासन में रहने और मिलकर काम करने का निर्देश दिया

जगराओं/लुधियाना, 21 दिसंबर, 2023 – पीपीसीसी प्रमुख अमरिन्दर सिंह राजा वारिंग वड़िंग के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने पंजाब में बिगड़ती कानून व्यवस्था की चुनौतियों पर गहरी चिंता व्यक्त करने और पार्टी की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करने के लिए जगराओं में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया।

कार्यकारी अध्यक्ष भारत भूषण आशु ने पंजाब के लोगों के प्रति पार्टी के समर्पण पर जोर देते हुए कहा, “पंजाब के निवासी हमारी पार्टी की रीढ़ हैं। यह स्पष्ट है कि लोगों ने इस ‘बदलाव’ सरकार की असली प्रकृति को पहचान लिया है। हमारा अभियान आप के असफल शासन के खिलाफ बेहतर पंजाब के लिए लड़ने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। मेरा मानना है कि पंजाब में कांग्रेस और आप के बीच कोई गठबंधन नहीं हो सकता है।”

विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आप सरकार के तहत दो साल के कार्यकाल के हानिकारक नतीजों की तरफ ध्यान केंद्रित करते हुए जोर दिया, “पिछले दो वर्षों में आप शासन के परिणामस्वरूप हमारे राज्य की कानून विवस्था का सत्यानाश हुआ है। युवा पीढ़ी सर्कार से हताश क्योंकि उन्हें अब पंजाब में कोई भविष्य नहीं दिख रहा है। राज्य में नशीली दवाओं का खतरा तेजी से बढ़ गया है, जिससे पंजाब चोरी, डकैतियों, नशीले पदार्थों और आपराधिक गतिविधियों से ग्रस्त राज्य में बदल गया है। पंजाब में AAP सरकार, भाजपा की ‘बी-टीम’ तरह काम कर रही है। यह हमारे राज्य के लिए एक गंभीर खतरा है, जिससे हमारे लिए AAP के साथ किश भी तरह के समझौते से खुद को अलग करना अनिवार्य हो गया है।’

विपक्ष के उप नेता राजकुमार चब्बेवाल ने दिल्ली में आलाकमान को पार्टी के संदेश देते हुए कहा, “पंजाब के लोग कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन का समर्थन नहीं करते हैं। कांग्रेस को जीत हासिल करने के लिए, ऐसे गठबंधन से बचना चाहिए। बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति वर्तमान सरकार की अक्षमता को उजागर करती है। यही बात दिल्ली में आलाकमान को भी बता दी गई है।”

विधायक सरदार परगट सिंह ने पार्टी कार्यकर्ताओं की आशंकाओं को स्पष्ट करते हुए कहा, “मौजूदा AAP शासन के तहत पंजाब को अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य को हमेशा मुश्किल में धकेला गया है। केंद्रीय स्तर पर सांसदों का निलंबन हमारे लोकतंत्र के हरण का संकेत है। भाजपा पहले देश व अब पंजाब को अस्थिर करने के लिए आप को अपनी ‘बी-टीम’ के रूप में इस्तेमाल कर रही है। कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन की किसी भी बातचीत की कड़ी निंदा की जाती है क्योंकि हम भाजपा की इस बी-टीम के खिलाफ हैं।’

पीपीसीसी प्रमुख राजा वड़िंग ने राज्य के भविष्य के बारे में आशंका व्यक्त करते हुए कहा, “मैं सक्रिय रूप से पंजाब के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए व्यवहार्य समाधान ढूंढ रहा हूं। केंद्र सरकार पंजाब का साथ देने में असमर्थ दिखाई असमर्थ दिखाई देती है इसके बावजूद भी आप प्रशासन का केंद्र सरकार के साथ तालमेल चिंताओं को और बढ़ाता है। उन्होंने कहा के यदि यही हालात रहे और मौजूदा परिस्थितियाँ न सुधरीं तो युवा पंजाब में रहने के बजाय प्रवासन को प्राथमिकता दे सकते हैं, जो हमारे प्रदेश के लिए बड़ी मुश्किल बन सकती है ।”

अपने संबोधन को समाप्त करते हुए, राजा वड़िंग ने कहा कि, “पंजाब के लोगों की आकांक्षाओं के विपरीत कोई भी निर्णय नहीं लिया जाएगा। कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बरकरार रखते हुए यह सुनिश्चित करती है कि सभी आवाजों को न केवल सुना जाए बल्कि उचित रूप से स्वीकार भी किया जाए। मैं पूरे पार्टी कैडर को स्वतंत्र रूप से अपनी राय व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं, जिससे हमारे लोकतांत्रिक लोकाचार के मूल सिद्धांतों को बरकरार रखा जा सके।”

विरोध प्रदर्शन में सांसद फतेहगढ़ साहिब डॉ.अमर सिंह, पीपीसीसी महासचिव प्रभारी संदीप सिंह संधू, पंजाब महिला कांग्रेस अध्यक्ष गुरशरण कौर रंधावा, पीसीसी एससी सेल के अध्यक्ष कुलदीप सिंह वैद के इलावा अन्य प्रमुख नेताओं में पूर्व कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, जगतार सिंह और कामिल अमर सिंह,लुधियाना ग्रामीण के जिला अध्यक्ष मेजर सिंह मुल्लांपुर,विक्रम सिंह बाजवा सहित पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व ने भाग लिया।