पहले पड़ाव में स्कीम के अंतर्गत 280 स्कूलों की आठवीं कक्षा के 11200 विद्यार्थियों का चयन
विद्यार्थियों को ट्रैफ़िक नियमों, ग़ैर-हथियारबंद मुकाबले संबंधी ट्रेनिंग, कानूनी हक और जिम्मेदारियों और चरित्र-निर्माण और मूल्यों संबंधी जागरूक किया जायेगा
चंडीगढ़, 22 अगस्त
विद्यार्थियों को पुलिस की कार्य प्रणाली के बारे नजदीकी से जानने और शासन एवं सुरक्षा में सक्रिय हिस्सेदार बनाने का मौका प्रदान करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज राज्य में ‘स्टूडैंट पुलिस कैडिट स्कीम’ की शुरुआत की।
इस स्कीम के अंतर्गत पहले पड़ाव में राज्य के 280 सरकारी स्कूलों की 8वीं कक्षा के 11200 विद्यार्थियों का चयन हुआ है जिन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये इस समागम में हिस्सा लिया।
इस स्कीम संबंधी विस्तार में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि इसका कोर्स ब्यूरो आफ पुलिस रिर्सच एंड डिवैल्पमैंट द्वारा तैयार किया गया जो मौजूदा शैक्षिणक साल 2023-24 में आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को दो सालों में करवाया जायेगा। दो वर्षीय कोर्स के अंतर्गत यही विद्यार्थी शैक्षिणक वर्ष 2024-25 में नौवीं कक्षा में इस स्कीम का हिस्सा बने रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस स्कीम को लागू करने के लिए हरेक स्कूल के लिए 50 हज़ार रुपए सालाना अलॉट किये गए हैं। यह स्कीम राज्य के 28 जिलों (23 माल ज़िले और पाँच पुलिस ज़िले) में लागू की जायेगी। इस स्कीम के अंतर्गत हरेक ज़िले में 10 स्कूलों में से प्रति स्कूल 40 विद्यार्थियों का चयन किया गया है जिससे कुल 11200 विद्यार्थी चुने गए हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इन्डोर कोर्स मुकम्मल करने के लिए हर महीने एक क्लास लगाई जायेगी जिससे विद्यार्थियों के स्कूल कोर्स में कोई बड़ा विस्तार नहीं होगा। इन विद्यार्थियों को स्कूल के समय के बाद या हफ़्ते के अन्तिम दिन के मौके महीने में दो बार बाहरी सरगर्मियों के लिए ले जाया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रयास से विद्यार्थियों को पुलिस के कामकाज के बारे नजदीकी से जानने और शासन और सुरक्षा में सक्रिय हिस्सेदार बनने का मौका हासिल होगा।
दो वर्षीय कोर्स के विषयों के बारे जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि विद्यार्थियों को ‘स्टूडैंट कैडिट स्कीम’ के बारे प्राथमिक जानकारी, भ्रष्टाचार, साईबर अपराध, अपराध के अलग-अलग स्वरूप, भ्रूण हत्या, सड़क सुरक्षा, बच्चे की सुरक्षा, नशों की कुरीति संबंधी जागरूकता सैशन, घरेलू हिंसा, फस्ट ऐड, आपदा के मौके पर आपात सेवाएं और क्विज़ मुकाबले करवाये जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्कीम के अंतर्गत विद्यार्थी पुलिस दफ़्तरों, पुलिस थानों, साईबर सेल, फोरेंसिक लैब, पुलिस ट्रेनिंग केंद्र और अन्य सम्बन्धित सरकारी संस्थाओं का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि इन विद्यार्थियों को ट्रैफ़िक नियमों के बारे जागरूक करने, गणतंत्र दिवस/ स्वतंत्रता दिवस परेड में हिस्सा लेने, ग़ैर-हथियारबंद मुकाबलों के बारे ट्रेनिंग, कानूनी हकों और जिम्मेदारियों संबंधी ट्रेनिंग देने के साथ-साथ कानूनी व्यवस्था के लिए अलग-अलग ड्यूटियों के बारे पुलिस के साथ इंटरशिप प्रोग्राम भी करवाए जाएंगे। इसके इलावा समाज सेवा से सम्बन्धित सरगर्मियों के साथ विद्यार्थियों को जोड़ा जायेगा और चरित्र-निर्माण और मूल्यों को कोर्स का हिस्सा बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस स्कीम को लागू करने के लिए पुलिस की कम्युनिटी अफेअरज़ डिवीज़न और शिक्षा विभाग आपसी तालमेल के साथ काम करेंगे। रिसोर्स पर्सन के तौर पर अध्यापक पुलिस विभाग के सांझ केन्द्रों में तैनात पुलिस मुलाजिमों के साथ तालमेल करके एक इन्डोर क्लास और ढाई दिन आउटडोर क्लासें लगाऐंगे।
उन्होंने कहा कि इस स्कीम को प्रभावशाली ढंग से लागू करने के लिए 269 स्कूल अध्यापकों और 59 सांझ केन्द्रों के मुलाजिमों को विशेष ट्रेनिंग भी दी गई है।
इस मौके पर शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के इलावा पुलिस और सिविल प्रशासन के सीनियर अधिकारी उपस्थित थे।