सांसद औजला की अपील – जगह-जगह करें डा,मनमोहन सिंह शोक सभाएं आयोजित

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बच्चों में डालें डा.मनमोहन जैसे बनने की प्रेरणा

राष्ट्पति को पत्र लिखकर की राजघाट पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का स्मारक स्थापित करने की अपील

अमृतसर। सांसद गुरजीत सिंह औजला ने लोगों से अपील की है कि दिवगंत प्रधानमंत्री डा.मनमोहन सिंह के लिए जगह-जगह पर शोक सभाओं का आयोजन किया जाए और अपने बच्चों में प्रेरणा डाली जाए कि वह डा.मनमोहन सिंह के जैसे बनें। वहीं सांसद गुरजीत सिंह औजला ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर डा.मनमोहन सिंह जी का स्मारक स्थापित करने की भी अपील की।

सांसद गुरजीत सिंह औजला ने आज प्रेस कान्फ्रेंस आयोजित करते हुए कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह ने एक दूरदर्शी अर्थशास्त्री के रूप में राष्ट्र के लिए जो योगदान दिया, उस पर पूरा देश गर्व करता है।  उनके देहांत के बाद उन्हें उसी तरह संरक्षित किया जाना चाहिए जैसे अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों को राजघाट पर यादगार बनाकर याद किया गया है। उन्होंने कहा कि डा.मनमोहन सिंह एक रिफ्यूजी बनकर इस देश में आए थे और फिर एक प्रधानमंत्री बनकर बेहद प्यार लेकर विदा हुए हैं। आज के बच्चों को उनके जीवन से संबंधित कहानियां बताकर प्रेरणा देनी चाहिए क्योंकि वह चाहते हैं कि आज के बच्चे शिक्षा के महत्व को समझें और हो सकता है कि कोई उनकी तरह ही बेहद उंचे कद पर पहुंच जाए। उन्होंने कहा कि डा.मनमोहन सिंह के लिए स्मारक बनाने के लिए उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है वहीं वह इस मामले में मुख्यमंत्री से भी मिलेंगे और कुछ ही समय में उनके लिए पंजाब में भी जगह मांगेंगे और यहां भी स्मारक स्थापित करेंगे या फिर कुछ ऐसा बनाएंगे जिससे उनकेजीवन के बारे में लोग जान सकें।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति को लिखे पत्र में उन्होंने कहा  कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के लिए शांति वन, श्री लाल बहादुर शास्त्री के लिए विजय घाट और श्री अटल बिहारी वाजपेयी के लिए सदैव अटल जैसे स्मारक राष्ट्र के लिए उनकी सेवा को स्वीकार करने में सहायक रहे हैं। लेकिन यह चिंताजनक है कि भारत की आर्थिक विकास की कहानी में महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद डा, मनमोहन के लिए कोई समान श्रद्धांजलि की योजना नहीं बनाई गई।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल परिवर्तनकारी आर्थिक सुधारों, सामाजिक विकास कार्यक्रमों और भारत की वैश्विक स्थिति को बढ़ाने के प्रयासों से चिह्नित था। उनकी विरासत दूरगामी है और एक समर्पित स्मारक के माध्यम से मान्यता प्राप्त करने की हकदार है।

उन्होंने कहा कि श्री पी.वी. नरसिम्हा राव जैसे अन्य नेताओं को हैदराबाद में ज्ञान भूमि जैसे स्मारकों से मरणोपरांत सम्मानित किया गया है। डॉ. सिंह के योगदान को नजरअंदाज करना पूरे सिखों को एक दुर्भाग्यपूर्ण संदेश देता है।

उन्होंने कहा कि वह विनम्रतापूर्वक आपसे अनुरोध करते हैं कि राजघाट परिसर में देश के ईमानदार 13वें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के लिए लगभग 150 वर्ग गज का एक उपयुक्त स्मारक स्थापित किया जाना चाहिए, जो भारत के भाग्य को आकार देने वाले नेताओं को सम्मानित करने की समृद्ध परंपरा का प्रतीक है।

इसलिए मैं आपके सम्मानित कार्यालय से राजघाट पर डॉ. मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक की स्थापना का निर्देश देकर इस परंपरा को बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह करता हूं। इस तरह का कदम भारत की अपने नेताओं को सम्मानित करने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए उनकी विरासत को संरक्षित करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगा और साथ ही वो लोग  भी वहां श्रद्धांजलि देने के लिए भी आ सकेंगे जो अंतिम संस्कार के समय नहीं पहुंच पाए थे।