बदलते दौर के साथ कदम मिलाकर चलने की कोशिश के तौर पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज यहाँ सरकारी स्कूलों में विदेशी भाषाएं सीखने के इच्छुक विद्यार्थियों को चुनिंदा विषयों के तौर पर विदेशी भाषाएं पढ़ाने का मौका देने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग को विद्यार्थियों को चीनी, अरबी और फ्रैंच जैसी विदेशी भाषाएं सीखने के योग्य बनाने के लिए रूप-रेखा तैयार करने के लिए कहा, क्योंकि यह भाषाएं विश्व भर में रोजग़ार प्राप्त करने के लिए उनके लिए सहायक सिद्ध हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि हालाँकि, पंजाबी हमारी मातृभाषा है और स्कूलों में अंग्रेज़ी भाषा पहले ही सिखायी जा रही है और अब विदेशी भाषाओं का अतिरिक्त ज्ञान हमारे विद्यार्थियों को अपना कॅरियर बेहतर बनाने में सहायता करेगा। हमारे लोगों की कुछ नया करने की भावना के बारे में अपने तजुर्बे साझा करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि काफ़ी समय पहले कपूरथला जि़ले से गुजऱते हुए उन्होंने एक ग्रामीण क्षेत्र में एक तख़्ती देखी, जिसमें उस स्थान की दिशा संबंधी बताया गया था, जहाँ इटालियन भाषा सिखायी जाती थी। उन्होंने कहा कि यह घटना दर्शाती है कि हमारे लोग खासकर नौजवान विदेशों में निवास के लिए विदेशी भाषाएं सीखने के इच्छुक हैं और स्कूल शिक्षा विभाग की ऐसी पहलकदमी विद्यार्थियों को उनकी इच्छाएं पुरी करने में सहायता करेगी।
विद्यार्थियों को चरित्र निर्माण के अभ्यास के तौर पर खेल की ओर प्रेरित करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा मंत्री को हिदायत की कि वह स्कूलों में खेल मैदान विकसित करने की संभावनाएं तलाशें, क्योंकि खेल से न सिर्फ हमारी समूची शख्सियत में निखार आता है, बल्कि यह हममें अनुशासन और खेल भावना जैसे लीडरशिप के गुण भी भरती हैं, जिससे हम समाज के आदर्श नागरिक बनते हैं। एक प्रसिद्ध कहावत का जि़क्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘वॉटरलू की लड़ाई ईटन के खेल मैदानों पर जीती गई थी’’, कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह मुख्य तौर पर उन जनरलों के बारे में है, जिन्होंने इस प्रसिद्ध लड़ाई की कमान संभाली थी और उनको अपने शुरूआती स्कूल के दिनों के दौरान यूके के ईटन के खेल मैदान में प्रशिक्षण दिया गया था।
भारत सरकार द्वारा जारी किए गए परफॉर्मैंस ग्रेडिंग इंडैक्स (पीजीआई) 2019-20 में देश भर में पंजाब को अव्वल दर्जे का राज्य बनाने के लिए अध्यापकों और स्कूल शिक्षा विभाग के समूचे स्टाफ को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सचमुच ही बहुत गर्व की बात है कि पंजाब ने यह गौरवमयी उपलब्धि हासिल की है, जो कि उनके सामूहिक यत्नों, मेहनत, लगन और इमानदारी का नतीजा है। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग खासकर विभाग के सचिव को भी अपील की कि आने वाले समय में भी इस दर्जे को बरकरार रखें। उन्होंने ऑनलाइन अध्यापक तबादला नीति, स्मार्ट स्कूल नीति, प्री-प्राईमरी शिक्षा, डिजिटल शिक्षा और सरहदी क्षेत्रों में काम कर रहे अध्यापकों का विशेष काडर बनाने जैसी कुछ अहम पहलकदमियों की सराहना की, जिससे राज्य भर में शिक्षा के मानक में बेहतरीन सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि यह इस बात से भी स्पष्ट होता है कि पिछले चार सालों से लगभग 5.6 लाख विद्यार्थी प्राईवेट से सरकारी स्कूलों में तबदील हुए हैं, जिससे दाखि़लों में 29 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है और इस तरह बच्चों के माता-पिता फिर से सरकारी स्कूलों में विश्वास दिखा रहे हैं।
इस मौके पर संबोधन करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री श्री विजय इंदर सिंगला ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि विभाग विदेशी भाषाओं में ऑनलाइन कोर्सों की सुविधा वाले डिजिटल प्लेटफार्मों के साथ तालमेल बनाकर काम करेगा, जिससे हमारे विद्यार्थी अपनी पसंद की विदेशी भाषाएं सीख सकें। स्कूलों में खेल मैदानों की सुविधा के बारे में श्री सिंगला ने कहा कि 250 खेल मैदानों के लिए बजट का प्रबंध किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पंजाब न सिफऱ् सर्वोत्त्म पाँच राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में से एक है, बल्कि पंजाब साल 2018 -19 में ग्रेड ढ्ढढ्ढ से 2019-20 में ग्रेड ढ्ढ++ हासिल करके टॉपर के तौर पर भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि चोटी के पाँच राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों में से चार चंडीगढ़ (यू.टी.), तमिलनाडु, केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह हैं और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली ने स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में सर्वोत्त्म राज्य के तौर पर शामिल होने के लिए अपनी, प्रिंट मीडिया में बड़ी मुहिम के उलट रैंकिंग में छटा स्थान हासिल किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढांचे का स्तर ऊँचा उठाने के लिए पारदर्शी ढंग से केंद्र सरकार के 100 प्रतिशत फंडों का प्रयोग किया गया है।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ ने राज्य में स्कूल शिक्षा के मानक को ऊँचा उठाने में बेमिसाल तबदीली लाने के अलावा ऑनलाइन अध्यापक तबादला नीति जिसके अंतर्गत लगभग 21,600 अध्यापकों का निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से उनका तबादला किया गया है, जैसे महत्वपूर्ण सुधार लाने के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह की दूरअन्देशी नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि पहले राजनैतिक कार्यकर्ता इस नीति से नाखुश थे, परन्तु अब यह सभी संतुष्ट हैं क्योंकि अध्यापकों का बिना किसी पक्षपात या तरफ़दारी के निर्धारित मापदण्डों के अनुसार अपनी पसंद के स्टेशनों पर तबादला किया जा रहा है। इसी तरह, उन्होंने अध्यापकों की नियुक्ति को यकीनी बनाने के साथ-साथ प्रिंसिपल और हैडमास्टरों की सीधी भर्ती निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से मैरिट के आधार पर करने के लिए सचिव स्कूल शिक्षा के प्रबंधों की भी सराहना की। उन्होंने बढ़ रही आबादी के मद्देनजऱ स्कूल अपग्रेडेशन नीति की ज़रूरत और 10 2शिक्षा प्रणाली के बुनियादी उदेश को पूरा करन के लिए सरकारी स्कूलों में 10+2 के स्तर पर तकनीकी शिक्षा के साथ पेशेवर कोर्सों की शुरूआत करने पर ज़ोर दिया।
सचिव स्कूल शिक्षा कृष्ण कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि यह बड़े गर्व वाली बात है कि पंजाब ने स्कूल शिक्षा में अपनी समूची कारगुज़ारी स्थिति को 22वें रैंक से 13वें पर लाया है और अब पिछले तीन सालों के दौरान पहले नंबर पर लाया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडैक्स (पीजीआई) रैंकिंग को 2017 में पेश किया था और हमारे राज्य ने इस साल भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए गए 70 मापदण्डों में 1000 में से 929 अंक प्राप्त करके राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान प्राप्त किया है।
इस दौरान मुख्य सचिव विनी महाजन ने स्कूल शिक्षा विभाग के तालमेल वाले यत्नों और विद्यार्थियों के लिए मानक शिक्षा को यकीनी बनाने के लिए अध्यापकों द्वारा ज़मीनी स्तर पर प्रोग्रामों और नीतियों को लागू करने के यत्नों की सराहना की। उन्होंने मुख्यमंत्री को उनके योग्य नेतृत्व और दूरअन्देशी पहुँच के साथ राज्य के उच्च दर्जे को बरकरार रखने के लिए भविष्य में भी इसी तरह के नतीजों का भरोसा दिलाया।
इस मौके पर पूजा शर्मा (शहीद भगत सिंह नगर), जसप्रीत सिंह (संगरूर), मनप्रीत कौर (अमृतसर), शरनजीत सिंह (जालंधर), रजनी सोढी (गुरदासपुर), करमजीत कौर (लुधियाना) और फरजाना (फरीदकोट) समेत कई अध्यापकों ने मुख्यमंत्री के साथ स्कूली शिक्षा में सुधार लाने के लिए अपने तजुर्बे साझे करने के लिए बातचीत की और उनको विभाग की उम्मीदों पर खरा उतरने में कोई कसर बाकी न छोडऩे का भरोसा दिया।