चंडीगढ़, 25 मई:
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज यहाँ अपने सरकारी आवास में धान की सीधी बिजाई (डी.एस.आर) के लिए अपनी इच्छा प्रकट करने के लिए किसानों के लिए विशेष डी.एस.आर पोर्टल (https://agrimachinerypb.com/h
इस किसान हितैषी पहल की भरपूर सराहना करते हुए भगवंत मान ने कहा कि यह पोर्टल हरेक किसान, जिसने डी.एस.आर तकनीक को चुना है, के बारे में पूरे आंकड़ों को एकत्र करने में सहायक होने के अलावा पुख़्ता सत्यापन के बाद योग्य लाभार्थियों को निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से 1500 रुपए प्रति एकड़ की अदायगी सुनिश्चित बनाएगा।
मुख्यमंत्री को उपरोक्त पोर्टल की रूप-रेखा के बारे में अवगत करवाते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि ने कहा कि उचित जाँच-पड़ताल के उपरांत 1500 रुपए प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि सम्बन्धी किसानों के बैंक खातों में सीधी ट्रांसफर की जाएगी।
गौरतलब है कि इस अनूठे पोर्टल को मंडी बोर्ड द्वारा कृषि विभाग के सहयोग के साथ तैयार किया गया है। इस नवीन तकनीक को अपनाने से पानी की कम से कम 15-20 प्रतिशत की बचत होगी और यह तकनीक ज़मीन में पानी के रिसाव में सुधार करती है, जिससे भूजल के स्तर में सुधार होगा। इस तकनीक के द्वारा लागत में भी तकरीबन 4000 रुपए प्रति एकड़ की बचत होती है। धान की सीधी बिजाई की तकनीक के बारे में किसानों का सही तकनीकी मार्गदर्शन करने के साथ-साथ इस तकनीक के द्वारा बीजे गए क्षेत्रफल का सत्यापन करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कृषि, बाग़बानी, मंडी बोर्ड और जल एवं भूमि संरक्षण समेत विभिन्न विभागों के 3000 अधिकारियों/कर्मचारियों की तैनाती की गई है, जिससे यह सुनिश्चित बनाया जा सके कि 1500 रुपए प्रति एकड़ का भुगतान केवल असल लाभार्थियों को ही दिया जाए।
यहाँ यह बताने योग्य है कि राज्य भर के किसानों द्वारा इस खरीफ सीजन के दौरान 30 लाख हेक्टेयर (75 लाख एकड़) क्षेत्रफल में बासमती समेत धान की कृषि करने की उम्मीद है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल डी.एस.आर के द्वारा 15 लाख एकड़ (6 लाख हेक्टेयर) क्षेत्रफल में धान की बिजाई की गई थी और इस सीजन के दौरान राज्य सरकार ने 30 लाख एकड़ क्षेत्रफल को नई तकनीक के अंतर्गत लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
बैठक में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. वेणु प्रसाद, अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि सरवजीत सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त के.ए.पी. सिन्हा और निदेशक कृषि गुरविन्दर सिंह उपस्थित थे।