भगवंत मान ने 14 जून और 17 जून से धान की रोपाई के लिए नियमित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अपनी सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया

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पीएसपीसीएल को चालू धान सीजन के दौरान किसानों को 8 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश
जनहित में जल का विवेकपूर्ण उपयोग करने के लिए किसानों से अपील
चंडीगढ़, 13 जून:
राज्य भर में धान की निर्बाध बुवाई सुनिश्चित करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को 14 जून और 17 जून से धान के सीजन के दौरान किसानों को नियमित और निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए अपनी सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया।
आगे बताते हुए भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने 10 जून से 17 जून तक राज्य भर में चरणबद्ध तरीके से धान की रोपाई की अनुमति देकर राज्य के बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन भूजल को संरक्षित करने का एक कर्तव्यनिष्ठ निर्णय लिया है। पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) को धान के चालू सीजन के दौरान किसानों को कम से कम आठ घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं।
तेजी से गिरते भूजल स्तर पर गहरी चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ने किसानों से पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करने का आग्रह किया और साथ ही व्यापक जनहित में पानी की बेवजह बर्बादी को रोकने के लिए विशेष रूप से आने वाली पीढिय़ों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए आगाह किया। उन्होंने राज्य के सबसे मूल्यवान प्राकृतिक संसाधन जल को बचाने के लिए ठोस प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया और इसके संरक्षण के लिए सभी हितधारकों से पूरे दिल से समर्थन और सहयोग मांगा।
इस बीच, भगवंत मान ने पहले ही पीएसपीसीएल को विस्तृत निर्देश दिए हैं कि यह सुनिश्चित किया जाए कि अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं, विशेषकर घरों में बिजली की आपूर्ति बाधित न हो और गर्मी के मौसम में नियमित बिजली की आपूर्ति हो।
यह उल्लेख किया जा सकता है कि 15,000 मेगावाट की अपेक्षित कुल मांग को पूरा करने के लिए पीएसपीसीएल द्वारा पहले ही विस्तृत व्यवस्था की जा चुकी है, जिसमें धान के लिए कृषि क्षेत्र की आवश्यकता शामिल है, इस मांग को पूरा करने के लिए बाहरी राज्य से आयात करने की क्षमता 7100 के मुकाबले 8500 मेगावाट तक बढ़ा दी गई है। पिछले सीजन की मेगावाट और शेष 6500 मेगावाट बिजली की व्यवस्था राज्य के भीतर के स्रोतों से की जा रही है।
राज्य के कृषि विभाग के अनुमान के अनुसार, किसानों द्वारा लगभग 29 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बुवाई की संभावना है, जिसमें उच्च गुणवत्ता वाले बासमती किस्म के चावल 6.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोए जाने की उम्मीद है, इसके अलावा चालू खरीफ सीजन के दौरान शेष 22.80 लाख हेक्टेयर रकबे पर धान की अन्य किस्में बोए जाने की उम्मीद है।
धान की खेती के लिए सुचारू रूप से सिंचाई सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ से परे के क्षेत्रों में 10 जून से पहले चरण की रोपाई शुरू हो चुकी है, जिसके लिए किसानों को नियमित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में 14 जून से प्रदेश के 10 जिलों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी, जिनमें होशियारपुर, जालंधर, एसबीएस नगर, कपूरथला, पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरन तारन, रूपनगर और एसएएस नगर शामिल हैं। इसी तरह, भगवंत मान ने कहा कि बठिंडा, बरनाला, फरीदकोट, श्री मुक्तसर साहिब, पटियाला, संगरूर, बरनाला, मलेरकोटला, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, मानसा, मोगा और फाजिल्का के शेष जिलों में भी बुवाई के लिए 17 जून से नियमित बिजली आपूर्ति की जाएगी।
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