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बेरोज़गारी कारण ही बढ़ रही है मौतों की दर :ट्रस्ट

अपने परिवारों को आर्थिक मंदहाली से निकालने के लिए अपने घर,ज़मीनें गहने रख खाड़ी मुल्कों में मज़दूरी करने गए लोगों की हर मुश्किल घड़ी में रहबर बन सेवा रूपी मदद करने वाले दुबई के प्रसिद्ध कारोबारी और सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट के सरप्रस्त डा.ऐस.पी.सिंघ ओबराए के बड़े यतनों से बरनाला के 34 साला भगवंत सिंह का मि्तक शरीर आज दुबई से श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अमृतसर में पहुँचा।
इस सम्बन्धित जानकारी सांझी करते हुए सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट के सदस्य ने बताया कि भगवंत सिंह करीब 1 साल पहले अपने परिवार के आर्थिक हालातों को सुधारने की कोशिश में दुबई मेहनत मज़दूरी करने गया था कि अचानक बीती 3 नवम्बर को उसने आत्महत्या कर ली थी।उन्होंने ने बताया कि जब परिवार ने उन के साथ संपर्क किया तो उन्हों ने अपनी दुबई टीम से सारी कागज़ी कार्यवाही मुकम्मल करवा कर भारतीय दूतावास के सहयोग से भगवंत सिंह का मृतक शरीर ला कर आज ट्रस्ट की अमृतसर इकाई के प्रधान सुखजिन्दर सिंह हेर, जनरल सचिव मनप्रीत संधू और वित्त सचिव नवजीत सिंह घई की मौजुदगी में हवाई अड्डे पर परिवार को सौंप दिया है। ट्रस्ट ने बताया कि वह अब तक 214 बदनसीब लोगों के मि्तक शरीर वारिसों तक पहुँचा चुके हैं। उनहोंने ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों में ट्रस्ट की ओर से और भी बदनसीब नौजवानों के मृतक शरीर दुबई से भारत लाये जाएँगे।
उन्होंने बताया के खाड़ी देशों में प्रवासी कामकाजी लोगों की मौतों की संख्या में हो रहे वृद्धि का मुख्य बड़ा कारण करोना महामारी के कारण काम बंद होना या कम होना है,जिस कारण परेशानी के चलते बहुत से नौजवान या तो आत्म हत्या कर रहे हैं या छोटी उम्र में ही दिल का दौरा पड़ने से उन की मौत हो रही है।
इस दौरान मृतक देह लेने पहुँचे भगवंत सिंह के चाचा सुखदेव सिंह ने मि्तक देह ले कर आने पर डा.ऐस.पी.सिंघ ओबराए का तह दिल से शुकराना करते बताया कि भगवंत सिंह का मृतक शरीर वापस ले कर आना उन के बस की ही बात नहीं थी। उन्होंने कहा कि डा.ओबराए की वजह से ही उसके मृतक शरीर को अपनी मिट्टी नसीब हो पाई है।

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