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बच्चों में बढ़ रहे हृदय संबंधी बीमारियों के मामले, समय पर जांच से मिल सकती है संजीवनी

– पंजाब के अमृतसर पहुंचे इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के विशेषज्ञों ने दी सलाह

6 अगस्त, 2022

देश के अलग अलग शहरों में विभिन्न बीमारियों के प्रति जागरुकता लाने के लिए अपोलो की पहल जारी है। इसी के तहत अब नई दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के विशेषज्ञ पंजाब के अमृतसर पहुंचे जहां उन्होंने अमृतसर और उसके आसपास के क्षेत्रों में बच्चों से जुड़ी बीमारियों को लेकर अहम जानकारियां साझा की हैं।
इस सिलसिले को आगे भी जारी रखने के लिए विशेषज्ञों ने एक ओपीडी की घोषणा भी की है जो हर महीने पहले शनिवार को आयोजित होगी। यहां मरीजों को जांच से लेकर उपचार इत्यादि के बारे में पूरी जानकारी भी मिल सकेगी।
इसे लेकर आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ आशुतोष मारवाह ने कहा, “अपोलो अस्पताल में, हम मरीज की जांच से लेकर उसके उपचार और स्वस्थ होने की पूरी यात्रा में एक भरोसेमंद साथी बनने में विश्वास रखते हैं। हमारा उद्देश्य मरीज की इस यात्रा को आसान बनाना है।’’
इस अवसर पर नेहा भास्कर सेंटर हेड, मनबीर सिंह मार्केटिंग हेड पंजाब मौजूद रहीं।
डॉ आशुतोष मारवाह ने कहा कि जन्मजात हृदय रोगों के बारे में अक्सर हम सुनते हैं लेकिन इसे लेकर बहुत अधिक जानकारी लोगों में नहीं है। जिसकी वजह से कई बार गोल्डन समय हाथ से निकल जाता है और बाद में हमें पता चलता है कि यह बीमारी बचपन से है और इसका यह इलाज हो सकता है।
डॉ. मारवाह का कहना है कि अगर अमृतसर और उसके आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को यह जानकारी हो कि कैसे जन्मजात बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है, तो स्थिति काफी बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा कि मौजूदा उपचार विकल्पों के बारे में जागरूकता लाने के लिए उनकी पूरी टीम और अस्पताल प्रयास करते हैं ताकि प्रत्येक बच्चा सामान्य जीवन जी सके।
इसके अतिरिक्त, बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी के तहत उपचार को लेकर मौजूदा स्थितियों के बारे में भी जागरूकता लाने का प्रयास कर रहे हैं। डॉ. मारवाह ने कहा कि आज भारत में सबसे जटिल बीमारियों के इलाज के लिए उपचार के तौर-तरीके उपलब्ध हैं। रोगियों को किसी भी जटिल बीमारी की जांच का डर नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे उपचार में देरी हो सकती है और मरीज की तकलीफ बढ़ सकती है। अगर हम रोगी के ठीक होने की बात करें तो उस स्थिति में समय पर जांच और जल्द से जल्द उपचार शुरू होने से हमेशा ही बेहतर परिणाम मिलते हैं।

 

इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के बारे में:
भारत का पहला जेसीआई मान्यता प्राप्त अस्पताल, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, दिल्ली सरकार और अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उद्यम है। जुलाई 1996 में कमीशन किया गया, यह अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप द्वारा स्थापित तीसरा सुपर-स्पेशियलिटी टर्शियरी केयर हॉस्पिटल है। 15 एकड़ में फैले, इसमें 300 से अधिक विशेषज्ञों और 700 से अधिक ऑपरेशनल बेड, 19 ऑपरेशन थिएटर, 138 आईसीयू बेड, चौबीसों घंटे फार्मेसी, एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं, 24 घंटे आपातकालीन सेवाओं और एक सक्रिय एयर एम्बुलेंस के साथ 57 विशेषता हैं। सर्विस। अपोलो हॉस्पिटल्स दिल्ली का देश में किडनी और लीवर ट्रांसप्लांट में अग्रणी कार्यक्रम है। भारत में पहला सफल बाल रोग और वयस्क यकृत प्रत्यारोपण इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में किया गया था। चिकित्सा प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता के मामले में अस्पताल सबसे आगे है। यह अपने रोगियों की देखभाल के लिए नवीनतम नैदानिक, चिकित्सा और शल्य चिकित्सा सुविधाओं की एक पूरी श्रृंखला प्रदान करता है। अस्पताल ने 64 स्लाइस सीटी और 3 टेस्ला एमआरआई, नोवालिस टीएक्स और एकीकृत पीईटी सूट की शुरुआत के साथ भारत में सबसे परिष्कृत इमेजिंग तकनीक पेश की है। इंद्रप्रस्थ अपोलो ने निवारक स्वास्थ्य जांच कार्यक्रमों की अवधारणा का भी बीड़ा उठाया है और दशकों से एक संतुष्ट ग्राहक आधार बनाया है। पिछले कुछ वर्षों से द वीक सर्वे द्वारा अस्पताल को लगातार भारत के सर्वश्रेष्ठ 10 अस्पतालों में स्थान दिया गया है।

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