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परिवहन मंत्री द्वारा सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत; सड़क हादसों में मृत्यु दर घटाने के लिए सम्बन्धित पक्षों को ज़ोरदार प्रयास करने का आह्वान

ट्रैफिक़ पुलिस, परिवहन, स्वास्थ्य, स्थानीय सरकारें और शिक्षा विभाग आयोजित करेंगे विभिन्न गतिविधियाँ

धुंध के मौसम के दौरान हादसों का कारण बनते सड़कों पर खड़े भारी वाहनों के होंगे चालान

चंडीगढ़, 11 जनवरी:

राज्य में सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत करते हुए पंजाब के परिवहन मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर ने आज सड़क हादसों में मृत्यु दर घटाने के लिए समूह सम्बन्धित पक्षों को ज़ोरदार प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हादसों में जा रही मौतों को रोकने के लिए सम्बन्धित विभागों, समाज सेवी संस्थाओं और खासकर राहगीरों को ज़िम्मेदारी से अपनी भूमिका निभानी पड़ेगी और एक हफ्ते की बजाय सारा साल ख़ुद को सड़क सुरक्षा को समर्पित करना पड़ेगा।

सडक़ीय यातायात और राजमार्ग मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार 11 से 17 जनवरी, 2023 तक सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाने के फ़ैसले के अंतर्गत पंजाब राज्य सड़क सुरक्षा काऊंसिल द्वारा करवाए गए प्रोग्राम का आग़ाज़ करते हुए परिवहन मंत्री ने कहा कि ज़्यादातर बड़े और घातक हादसे दिसंबर से फ़रवरी तक धुंध के मौसम के दौरान घटते हैं, जिनको घटाना बड़ी चुनौती है और इसलिए विशेष मुहिम की ज़रूरत है। उन्होंने ट्रैफिक़ पुलिस को निर्देश दिए कि धुंध के मौसम के दौरान हादसों का कारण बन रहे सडक़ों पर खड़े भारी वाहनों के चालान किए जाएँ।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि पंजाब रोड एक्सीडेंट रिपोर्ट-2021 के अनुसार राज्य में सड़क हादसों में लगभग 4589 लोगों की मौत हुई और रोज़ाना 13 लोग अपनी जान गवां रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुल सड़क हादसों में से 72 प्रतिशत सड़क हादसे राष्ट्रीय और राजमार्गों पर होते हैं और 60 प्रतिशत सड़क हादसे ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि सड़क हादसों में मरने वाले 70 प्रतिशत लोग 18 से 45 साल उम्र के होते हैं। राज्य में हादसों के लिहाज़ से ज़िला रोपड़, फ़तेहगढ़ साहिब और मोहाली सबसे आगे हैं, जबकि जालंधर और लुधियाना शहर सबसे अधिक हादसों वाले शहर बन गए हैं।

सड़क सुरक्षा और हादसों में लोगों की जान बचाने जैसे कल्याण कार्यों में जुटीं समाज-सेवी संस्थाओं की सराहना करते हुए परिवहन मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा ऐसी संस्थाओं और व्यक्तियों को गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने समाज-सेवी संस्थाओं को बढ़-चढक़र समाज कल्याण के कार्यों में सहयोग देने की अपील करते हुए कहा कि वह सड़क सुरक्षा के लिए सरकार को सुझाव देे, जिससे लोगों की जान की रक्षा की जा सके।

मीटिंग के दौरान प्रमुख सचिव परिवहन श्री विकास गर्ग, डायरैक्टर जनरल लीड एजेंसी श्री आर. वेंकट रत्नम, स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर श्री मौनिश कुमार, ए.डी.जी.पी. (ट्रैफिक़) श्री ए.एस. राए और एन.एच.ए.आई. समेत लोक निर्माण विभाग (बी.एंड.आर), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंजाब मंडी बोर्ड, स्कूल शिक्षा आदि सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

सडक़ सुरक्षा सप्ताह के दौरान करवाई जाएंगी विभिन्न गतिविधियाँ

परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित विभागों द्वारा समाज-सेवी संस्थाओं के सहयोग से विभिन्न गतिविधियाँ करवाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि ट्रैफिक़ पुलिस द्वारा साइकिल/दो पहिया वाहन रैलियाँ, रिफलेक्टर लगाना, चालकों की सेहत जांच, ओवर स्पीडिंग व शराब पीकर वाहन चलाने वालों के विरुद्ध मुहिम, सीट बैल्ट और हेलमेट पहनने संबंधी जागरूकता मुहिम, साईन बोर्ड लगाने आदि की मुहिम चलाई जाएगी। ट्रांसपोर्ट, स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझे तौर पर ट्रक ऑपरेटरों और ट्रैफिक़ कर्मचारियों के स्वास्थ्य एवं आँखों की जाँच के कैंप, लोक निर्माण विभाग और भारतीय राजमार्ग अथॉरिटी द्वारा अधिक हादसों वाले स्थानों पर साईन बोर्ड लगाए जाएंगे, पंजाब मंडी बोर्ड और लोक निर्माण विभाग द्वारा संपर्क सड़कों के आस-पास सफ़ाई मुहिम शुरु की जाएगी, स्थानीय निकाय विभाग द्वारा म्यूंनिसिपल की हदों के अंदर अधिक हादसों वाले मोड़ों पर स्ट्रीट लाईटें और कैमरे लगाए जाएंगे। इसी तरह स्कूल, उच्च और तकनीकी शिक्षा विभागों द्वारा स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थियों को सड़क हादसे घटाने संबंधी और विद्यार्थियों को आने-जाने के लिए निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक परिवहन सेवा अपनाने के लिए जागरूक किया जाएगा।

उन्होंने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान विभिन्न गतिविधियों का सुचारू प्रबंधन और लोगों को शामिल करना सुनिश्चित बनाएं।

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