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पंजाब ने तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियाँ कीं, मुख्यमंत्री द्वारा बच्चों के इलाज के लिए कार्य विधि तैयार करने के लिए विशेषज्ञों के समूह का ऐलान

Punjab prepared to deal with third wave

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज बच्चों के विशेषज्ञों के समूह का ऐलान किया है जो बच्चों के इलाज के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने और बच्चों के बेड बढ़ाने और इलाज सम्बन्धी कार्य विधि के लिए निजी अस्पतालों को सहयोग करने के लिए रूप-रेखा को अमलीजामा पहनाएगा। इसके साथ ही राज्य में कोविड की संभावित तीसरी लहर की तैयारियों सम्बन्धी विस्तृत कार्य योजना को अमली रूप दिया गया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ग्रुप सरकारी मैडीकल कॉलेजों, स्वास्थ्य विभाग, पी,जी.आई. और आई.ए.पी. के पंजाब चैप्टर पर अधारित होगा, जबकि मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य एवं मैडीकल शिक्षा विभागों को तीसरी लहर के जब कभी भी आने पर इससे निपटने के लिए व्यापक योजना तैयार करने और अमल में लाने के निर्देश दिए।
कोविड सम्बन्धी समीक्षा बैठक की वर्चुअल तौर पर अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने तीसरी लहर के लिए की जा रही तैयारियों का जायज़ा लिया और सभी सरकारी मैडीकल कॉलेजों में कम-से-कम तीन दिन के लिए ऑक्सीजन के लिए भंडार सामथ्र्य पैदा करने और सभी सरकारी अस्पतालों में पाईप्ड ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी समय राज्य के पास कम-से-कम 375 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने लहर के शिखर पर पहुँचने के दौरान सप्लाई किए जाने का ढांचा तैयार करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
मुख्य सचिव विनी महाजन ने मीटिंग के दौरान जानकारी दी कि राज्य को नहरी पानी पर अधारित जल सप्लाई प्रोजैक्ट के लिए विश्व बैंक के कजऱ्े के एवज़ में आज 500 ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेेटर्स प्राप्त हो चुके हैं, जबकि 2500 और आ रहे हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सभी डिप्टी कमिश्नरों को प्राईवेट सैक्टर में बच्चों के लिए कोविड एल-2 और एल-3 बेड (कम-से-कम 1000) की पहचान करने के निर्देश दिए और विशेषज्ञों द्वारा बच्चों के इलाज के लिए प्रोटोकॉल और दवाओं के बारे में जि़ला प्रशासन को सलाह दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को बच्चों की कोविड टेस्टिंग के लिए आर.टी.पी.सी.आर. मशीनों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ आई.सी.यू. और ऑक्सीजन की क्षमता में वृद्धि करने, बुनियादी ढांचे और मैनपावर बढ़ाने और राज्य भर में निगरानी करने और टेस्टिंग के लिए कहा।


कुछ मुल्कों में तीसरी लहर के दौरान दूसरी लहर की अपेक्षा 25 प्रतिशत अधिक नुकसान होने के संकेतों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने हुक्म दिए कि यदि कोई कमी-पेशी है तो उसे दूर करते हुए डॉक्टरों, माहिरों, नर्सों, तकनीशियनों आदि से लैस अतिरिक्त क्षमता पैदा करने के हुक्म दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पैडीऐट्रिक एसोसिएशन ऑफ इंडिया से प्राप्त हुई निर्धारित संचालन विधि (एस.पी.ओज़) की सख़्ती से पालना की जानी चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को महामारी की तीसरी लहर से निपटने के लिए व्यापक कार्य योजना अमल में लाने के हुक्म दिए।
मुख्यमंत्री ने हिदायत की कि प्रयोग में आने वाली वस्तुएँ और दवाओं का स्टॉक बरकरार रखने और मौजूदा स्टाफ का सामथ्र्य निर्माण बढ़ाया जाना चाहिए, जिससे आगे आने वाली लहर में पीडि़त बच्चों की देखभाल यकीनी बनाई जा सके। उन्होंने शहरी और ग्रामीण इलाकों में निगरानी जारी रखने के हुक्म दिए। उन्होंने कहा कि वायरस के बदलते स्वरूप की टेस्टिंग भी जारी रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीरो-सर्वे भी समय-समय पर किया जाता रहना चाहिए।

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