दूसरे दिन भी जारी रहा धर्मसोत विरुद्ध ‘आप’ का पक्का मोर्चा

👉-मोर्चा चलाने के लिए 5 सदस्यता तालमेल समिति गठित नाभा 3 सितम्बर 2020

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आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से वजीफा घोटाले में फंसे कैबिनेट मंत्री साधु सिंह की बर्खास्तगी को लेकर यहां मंत्री की कोठी के समक्ष लगाया पक्का मोर्चा वीरवार को भी जारी रहा।
पार्टी की ओर से जारी बयान के द्वारा इस पक्के मोर्चे को ओर तेज और बुलंद करने के लिए 5 सदस्यता तालमेल समिति और सलाहकार समिति गठित करने का ऐलान किया गया है, जिस में पार्टी नेता चेतन सिंह जोड़ेमाजरा, गुरदेव सिंह देव मान, जस्सी सोहियां वाला, वरिन्दर कुमार बिट्टू और नरिन्दर शर्मा शामिल थे। जबकि अलग तौर पर गठित की गई सलाहकार समिति में ‘आप’ नेता नीना मित्तल और ज्ञान सिंह मूंगो को शामिल किया गया है।

इस मौके संबोधन करते हुए चेतन सिंह जोड़ेमाजरा ने कहा कि घोटाला जनतक होने के 10 दिन बीत जाने के बावजूद कांग्रेस हाईकमान और मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह अपने भ्रष्ट परंतु ‘कमाऊ पुत्र’ को बचाने के लिए जल्दीबाजी में हैं। जिस कारण आम आदमी पार्टी की ओर से जहां श्रृंखलाबद्ध जिला स्तरीय धरने और रोष प्रदर्शन जारी हैं, वहीं नाभा में धर्मसोत की कोठी के समक्ष ‘पक्का मोर्चा’ लगाना पड़ा है, जो आज दूसरे दिन में प्रवेश कर गया है।
जोड़ेमाजरा ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वह दलित विद्यार्थियों की वजीफा स्कीम में सीधा 63.91 करोड़ रुपए हड़पने वाले अपने भ्रष्ट मंत्री (धर्मसोत) को बर्खास्त करने से बचाने के लिए सभी नैतिक और प्रशासनिक हदें लांघ रहे है।

इस मौके देव मान और जस्सी सोहियांवाला ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा इस वजीफा घोटाले की विभागीय जांच 2 अधिकारियों को सौंपे जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जांच कोई भी एजैंसी करे परंतु जांच माननीय हाईकोर्ट के मौजूदा जजों की निगरानी में समयबद्ध हो और इस जांच का दायरा 2012-13 तक बढ़ाया जाए, क्योंकि बादलों की सरकार के समय भी पोस्ट मैट्रिक स्कालर्शिप स्कीम में अरबों रूपए की गड़बड़ी हुई है।

वरिन्दर कुमार बिट्टू और नरिंदर शर्मा ने कहा कि धर्मसोत लाखों होनहार दलित विद्यार्थियों के भविष्य का हत्यारा है। धर्मसोत के खिलाफ अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा जितने दस्तावेजी सबूतों के साथ सरकार को जांच रिपोर्ट सौंपी है, उसकी गंभीरता को देखते हुए इस भ्रष्ट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को पांच मिनटों में मंत्रिमंडल से बर्खास्त करके फौजदारी मुकद्दमा दर्ज कर लिया जाना चाहिए था।

इस मौके राजवंत घुल्ली, अमरदीप धांदरा, करनवीर टिवाना, कुंदन गोगिया, बरिन्दर बिट्टू, वीरपाल चहल, प्रीति मल्होत्रा, इंद्रजीत संधू, बलकार गज्जूमाजरा, तेजिन्दर खहरा, अशोक सिरसवाल, बलविन्दर झाड़वा, जगजीत जवंधा, रणजोत हडाना, भुपिन्दर कल्लरमाजरी, बलविन्दर सिंह, सिमरन चौहान, कुलवंत ढीगी, हरमीक बाजवा, शरनजीत ढिल्लों, खुशवंत शर्मा नेता भी मौजूद थे।