तिकड़ी बार्डर पर बैठे 75 साल के किसान की हुए मौत

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दिली में किसानी आंदोलन में बैठे गुरदासपुर के एक किसान की हुई मौत मृतक किसान के परिवार मुताबिक जिला गुरदासपुर के गाँव गिला वाली का रहने वाला अमरीक सिंह उम्र 75 साल जो क्रिसानी आंदोलन में तिकड़ी बार्डर में भारतीय किसान यूनियन उग्राहा के जत्थे में शामिल थी की बीते दिनी दिली में मौत हो गई |मृतक का बेटा दलजीत सिंह जो भारतीय किसान यूनियान एकता का नेता है ने बताया कि वह पूरे परिवार के साथ दिली में चल रहे आंदोलन में शामिल थे और वहां ही उनके पिता की मौत हो गई और अब वह पिता की मृतक देह वहां सरकारी हस्पताल में है और जबकि परिवार अपने गाँव लौट आया है बेटे दलजीत ने बताया कि वह एक छोटे किसान हैं और केवल एक एकड़ से भी कम ज़मीन के मलिक हैं जबकि पिता शुरू से खेती करते रहे और जब से यह खेती कानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन शुरू हुआ है उनके पिता इस आंदोलन में शामिल थे और दलजीत ने बताया कि 24 दिसम्बर को वह अपने पूरे परिवार माता पिता और अपनी पत्नी और बच्चों के साथ दिली को रवाना हुए और तिकड़ी बार्डर के नज़दीक जहाँ जत्थेबंदी रुकी है वहां ही 25 दिसम्बर की सुबह पिता अमरीक सिंह की मौत हो गई और डाक्टरों ने पुष्टि की कि ठंड के साथ उन की मौत हुई है |भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने बताया कि इस परिवार के साथ जत्थेबंदी पूर्ण तौर परिवार के साथ खड़ी है और इस दुख की घड़ी में जत्थेबंदी की तरफ से परिवार के साथ पूरी हमदर्दी है |इस के साथ ही जत्थेबंदी के नेताओं और गाँव के सरपंच की तरफ से मृतक के परिवार के लिए केंद्र सरकार के पास से माली सहायता की माँग की और इस के साथ ही उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरिन्दर मोदी को अड़िल्ल रवैया छोड़ इन खेती कानूनों को रद्द करना चाहिए |