डेयरी फार्मिंग में सहकारिता लहर को मजबूत करने का सामर्थ्य : कुलदीप सिंह धालीवाल
डेयरी विकास मंत्री ने घरेलू डेयरी फार्मिंग को अपनाने पर दिया जोर
गुजरात से अमूल डेयरी के प्रतिनिधियों के साथ की मुलाकात
चंडीगढ़, 27 जूनः
मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिशा-निर्देशों अनुसार पंजाब में डेयरी विकास क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पशु पालन, डेयरी विकास और मछली पालन मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने आज अमूल के नाम के साथ जाने जाते आनंद मिल्क यूनियन लिमटिड (गुजरात) के बोर्ड ऑफ डायरैक्टरज़ के साथ मुलाकात की। मंत्री ने ’अमूल डेयरी’ के बेहतर तजुर्बों से सीखने की गहरी इच्छा जाहिर की जिससे राज्य के 3 लाख से अधिक डेयरी किसानों को लाभ मिल सके।
मीटिंग का मुख्य मंतव्य वेरका द्वारा चलाई जा रही 7300 मिल्क सोसायटियों से जुड़े पंजाब के डेयरी किसानों को अमूल की नवीन मार्किटिंग रणनीतियों को अपनाने के लिए उत्साहित करना था जिससे उनके उत्पादों के मूल्य में विस्तार यकीनी बनाया जा सके और कुछ नये उत्पाद लाए जा सकें।
घरेलू डेयरी फार्मिंग के संकल्प पर जोर देते हुये मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में आगे और अधिक संभावनाएं हैं और डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए इसको बरतने की जरूरत है जिससे सहकारिता लहर को भी मजबूती मिलेगी। मंत्री ने कहा, ‘‘महिलाओं को विशेष तौर पर इस नये संकल्प को अपनाने के लिए उत्साहित किया जाये क्योंकि यह परिवार की आय को बढ़ाने के साथ-साथ उनके सशक्तिकरण में भी मदद करेगा।’’ उन्होंने आगे कहा की डेयरी फार्मिंग सेक्टर में वर्तमान से बेहतर काम करने का सामर्थ्य है।
वर्गीस कुरियन के दिनों से अमूल की विनम्र शुरुआत को याद करते हुये एमडी अमूल डेयरी अमित व्यास ने आगे कहा की संस्था के रोजमर्रा के कामकाज की डिजीटाईजेशन समय की जरूरत है। एमडी ने आगे कहा, ‘‘हालांकि विशेष ध्यान ग्रामीण क्षेत्रों पर होगा क्योंकि बड़ी संख्या आबादी ऐसे क्षेत्रों में रहती है।’’
मीटिंग में दूसरों के इलावा विधायक (बोर्सद) और मैंबर बोर्ड ऑफ डायरैक्टरज़ अमूल डेयरी राजिन्दर सिंह धीर सिंह परमार, विधायक (आनंद) मैंबर बोर्ड ऑफ डायरैक्टरज़ अमूल डेयरी कांतिभाई मणिभाई सोडा परमार, एमडी अमूल डेयरी अमित व्यास, प्रमुख सचिव पशु पालन, मछली पालन और डेयरी विकास विकास प्रताप, डायरैक्टर पशु पालन डॉ. सुभाष चंद्र, डायरैक्टर डेयरी विकास कुलदीप सिंह और डीन, कॉलेज ऑफ डेयरी सायंसेज़, गुरु अंगद देव वैटरनरी एंड एनिमल सायंसेज़ यूनिवर्सिटी (गडवासू) लुधियाना डॉ. रमनीक मौजूद थे।
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