एड्स के कारण हर साल साढे छह लाख लोग जाते है मौत के मुंह में
अमृतसर 17 सितंबर
खालसा कालेज के रेड रिबन क्लब व डायरेक्टोरेट आफ युवक सेवाएं पंजाब की ओर से पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी चंडीगढ़ के सहयोग से एड्स जैसी भयानक महामारी से जागरूक करवाने के मकसद के तहत एड्स भयानक महामारी व एडवोकेसी मीटिंग सेमिनार आयोजित किया गया। कालेज प्रिंसिपल डा. महल सिंह के दिशा निर्देश पर करवाए गए इस सेमिनार के अवसर पर मुख्य मेहमान आरएस मूधल एडीसी डेवलेपमेंट अमृतसर ने शिरकत की।इस अवसर पर मूधल ने कहा कि दो जीव के आपसी मोह, अदब, स्वच्छ सांझ व अलौकिक सुमेल में जब मोहब्बत व अदब मनफी कर दिए जाएं तो एड्स जैसी भयानक बीमारी जन्म लेती है। उन्होंने कहा कि इस नामुराद बीमारी से एक साल में करीब छह लाख 50 हजार व्यक्ति के मौत के मुंह में जा पड़ते है जो चिंता का विषय है।
इससे पहले प्रिंसिपल डा. महल सिंह ने मुख्य मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि कालेज उच्च शिक्षा के साथ साथ सामाजिक बुराइयों व एड्स जैसी नामुराद बीमारी के खिलाफ भी विद्यार्थियों में जागरूकता पैदा करने के लिए वचनबद्ध है। इस सेमिनार के अवसर पर सरकारी मेडिकल कालेज अमृतसर ड्रमेटोलोजी विभाग मुखी व प्रो. डा. तजिंदर कौर ने कहा कि यह बीमारी जहां पहले अधिकतर 25 से 35 साल के व्यक्तियों को अपनी गिरफ्त में लेती थी अब 15 से 25 साल के युवक इससे अधिक पीड़ित है। उन्होंने कहा कि आज विश्व में चार करोड़ लोग एचआईवी वायरस से पीड़ित है। अफ्रीका व नाइजीरिया के बाद हिंदुस्तान गिनती में तीसरा एड्स ग्रस्त मुल्क है। उन्होंने कहा कि इस समय अमृतसर में पंजाब केसारे जिलों से अधिक एड्स पीड़ित है।
एआरटी सेंटर तरनतारन के एसएमओ डा. रिपुदमन सिंह समरा ने अपने खोज पत्र में कहा कि यह बीमारी बिना एचआईवी टेस्ट किए खून चढ़ाने से एक से अधिक व्यक्तियों की ओर से संयुक्त तौर पर प्रयोग की जाती सिरिंज के माध्यम व सबसे अधिक असुरक्षित शारीरिक संबंध के माध्यम से फैलती है। इस बीमारी का इलाज अभी संभव नहीं है। इसलिए परहेज ही इसका इलाज है। सिविल अस्पताल अमृतसर से जिला प्रोग्राम मैनेजर मनप्रीत कौर मघू ने कहा कि एच्आईवी से एड्स बनने में छह महीने से दस साल लगते है पर भारत जैसे अविकसित देश में यह वायरस जल्द ही एड्स का रूप धारण कर लेता है।
इस अवसर पर युवक सेवाएं विभाग अमृतसर के सहायक डायरेक्टर जसपाल सिंह ने कहा कि एचआईवी पाजिटिव के साथ खून में सफेद कण जो हमारे शरीर की बीमारियों से रक्षा करते है नष्ट हो जाते है। इससे हमारा तंदरुस्त शरीर बीमारियों की चपेट में आ जाता है। कालेज के रेड रिबन क्लब के नोडल अधिकारी डा. भुपिंदर सिंह जौली ने कहा कि एड्स से बचने के लिए सबसे बढ़िया ढंग है कि हम गुरु साहिबान के ताए हुए मार्ग पर चले व विद्यार्थियों की शक्ति को खेल के मैदान की ओर आकर्षित करें। क्लब के को कनवीनर डा. परमिंदर सिंह ने कहा कि ऐसे मरीजों के साथ आम नागरिकों की तरह हमदर्दी व प्यार से पेश आना चाहिए।
इस अवसर पर पंजाब एड्स कंट्रोल सोसायटी चंडीगढ़ की ओर से जिले की शिक्षण संस्थाओं के 25 व तरनतारन जिले के 10 रेड रिबन क्लबों के नोडल अधिकारियों को एड्स संबंधी जागरूकता फैलाने के लिए एडवोकेसी मीटिंग के दौरान ग्रांट भी जारी की गयी। इस अवसर पर डा. कुलदीप सिंह ढिल्लो, डा. मलकिंदर सिंह, डा. हीरा सिंह, डा. मनी अरोड़ा, डा. पीके आहूजा, डा. हरजीत कौर, डा. जसबीर सिंह आदि मौजूद थे।