खालसा कालेज फिजिकल एजूकेशन में में ‘पर्यावरण और स्वास्थ्य’ पर दो दिवसीय सेमिनार करवाया

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पर्यावरण की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए : विशेषज्ञ

अमृतसर, 27 अप्रैल ( )-

खालसा कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन में वैश्विक स्वास्थ्य और पर्यावरण विषय पर दो दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र में जुटे विशेषज्ञों ने कहा कि अब समय नहीं बचा है और पर्यावरण की रक्षा के लिए हर संभव व प्रयास तेज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का क्षरण चरम सीमा पर पहुंच गया है और समाज, सरकार और प्रत्येक व्यक्ति को घटते जल, मिट्टी और वायु प्रदूषण को बचाने के लिए सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है।

अपने मुख्य भाषण में महाराजा भूपिंदर सिंह पंजाब स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी पटियाला के वाइस चांसलर रिटायर्ड ले. जनरल डॉ. जेएस चीमा ने कहा कि पर्यावरण और स्वास्थ्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। लेकिन त्रासदी यह है कि हम पर्यावरण के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और अच्छे स्वास्थ्य की उम्मीद कर रहे हैं।

 उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है और कार्बन उत्सर्जन को हर स्तर पर रोकना होगा। उन्होंने किसानों से भी अपील की और कहा कि वे खेतों में पराली को आग न लगाएं। इस अवसर पर खालसा कॉलेज गवर्निंग काउंसिल के संयुक्त सचिव (वित्त) गुनबीर सिंह ने कहा कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी), पटियाला के सहयोग से आयोजित सेमिनार का उद्देश्य मौजूदा प्रदूषण के बारे में जागरूकता पैदा करना है और उसका समाधान खोजना है।

उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के उदाहरणों और गुरु साहिबों के संदेशों पर प्रकाश डाला और उनसे आने वाली पीढ़ियों के लिए अच्छे जीवन के लिए पर्यावरण को संरक्षित करने का आग्रह किया। उन्होंने युवाओं से पर्यावरण के खतरों से निपटने का आह्वान भी किया।

इस अवसर पर पीपीसीबी अध्यक्ष डॉ. आदर्श पॉल विग ने हवा, पानी और जलवायु क्षरण सहित पर्यावरणीय खतरों से निपटने के लिए आवश्यक प्रयासों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि एक-दूसरे पर दोषारोपण करने से मुश्किलें बढ़ेंगी। किसान हों, उद्योग हों या कॉरपोरेट, सभी को यह समझना चाहिए कि हम किस मुकाम पर पहुंच गए हैं और हमें चारों ओर फैली प्रदूषण की बड़ी समस्या का समाधान खोजने की जरूरत है।

पीपीसीबी सदस्य जीएस मजीठिया ने उदाहरण देते हुए कहा कि श्री हरिमंदिर साहिब परिसर के आसपास वाहनों, पराली और कूड़ा जलाने के कारण पिछले वर्षों में पवित्र श्री हरिमंदिर साहिब की सुनहरी परत अपनी चमक खोती जा रही थी, जिसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं और भी बहुत कुछ प्रयासों की आवश्यकता है।

 उन्होंने कहा कि पर्यावरण क्षरण के खतरे को रोकने के लिए हमें समाज के सहयोग की जरूरत है। इससे पहले कॉलेज प्राचार्य डॉ. कंवलजीत सिंह ने वक्ताओं और अतिथियों का स्वागत किया और हरे पौधे देकर उनका सम्मान किया। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी का उद्देश्य लोगों को संसाधनों के सतत उपयोग के बारे में जागरूक करना, उन्हें पर्यावरण अनुकूल गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करना और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाना है।