कुत्तों का आतंक, संसद में सांसद मौन, सरकारें लापरवाह

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08-फरवरी-2024 (मनी शर्मा) पंजाब में जिला कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में एक मजदूर महिला को बीस से ज्यादा आदमखोर कुत्तों ने नोंच नोंच कर मार डाला। इससे पहले एक बच्चे को भी कुत्ते मार चुके हैं। कुत्तों के काटने से घायल एक महिला अस्पताल में उपचाराधीन है। लुधियाना में तो कुछ समय पूर्व दो सगे भाइयों को कुत्ते खा गए और परिवार बिलखते रह गए। सवाल यह है कि आखिर कब तक सरकारें अपनी जनता को कुत्तों के रहम पर छोड़ती रहेंगी?

Youths pelt stones on Laxmi Kanta in Srinagar - Hindustan Times
लक्ष्मीकांता चावला

इन दिनों संसद का सत्र चल रहा है, पर किसी सांसद को कुत्तों से कटने और मरने वाले लोगों के लिए कोई दर्द नहीं। पजाब में तो लाखों लोगों को कुत्ते काट चुके हैं। सैकड़ों मौेतें हो चकी हैं। पूरे देश की संख्या तो डराने वाली है, पर संसद सत्र के इन दिनों में किसी भी सांसद ने कुत्तों के आतंक पर अपनी जुबान संसद में नहीं खोली। मेरा भारत सरकार से भी यह सवाल है कि आखिर कुत्ते लोगों को काटने के लिए खुले क्यों छोड़े हैं? कितनी अजीब सरकारी नीति है कि कुत्तों की नसबंदी की जाएगी, पर उन्हें वहीं छोड़ा जाएगा जिस इलाके से उन्हें नसबंदी के लिए ले जाया गया है। सरकार उत्तर दे कि क्या नसबंदी करवाने के बाद कुत्ते काटेंगे नहीं? भोंकेंगे नहीं, गंदगी और शोर का प्रदूषण नहीं फैलाएंगे। कितनी बड़ी विडंबना है कि कुत्तों से बचने के लिए आत्मरक्षा में भी डंडा तक चलाना भी गैरकानूनी माना जाता है।