कार्यालय मुख्य सचिव, पंजाब खेतीबाड़ी और सहायक सेक्टर को उत्साहित करने के लिए 430 करोड़ रुपए की लागत वाले प्रोजैक्टों को मंज़ूरी

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कार्यालय मुख्य सचिव, पंजाब खेतीबाड़ी और सहायक सेक्टर को उत्साहित करने के लिए 430 करोड़ रुपए की लागत वाले प्रोजैक्टों को मंज़ूरी – मुख्य सचिव केंद्र ने फंड जल्द जारी करने संबंधी पंजाब की विनती को किया मंज़ूर
चंडीगढ़, 5 जुलाई: राज्य में कृषि और सहायक सेक्टर को और बढ़ावा देने के लिए पंजाब सरकार ने आज 430 करोड़ रुपए की लागत वाले अलग-अलग प्रोजेक्टों को मंजूरी दे दी है।केंद्र के साथ विवाद के बीच बंगाल के मुख्य सचिव ने दिया इस्तीफा, अब सीएम के  मुख्य सलाहकार के रूप में करेंगे काम
इन प्रोजेक्टों को मंजूरी राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आर.के.वी.वाई.) की राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन की अध्यक्षता में हुई मीटिंग दौरान दी गई। अलग-अलग क्षेत्र के साथ संबंधित स्वीकृत प्रोजेक्टों में कृषि के 5, बाग़बानी के 6, पंजाब एग्रो के 5, मार्कफैड के 2, डेयरी विकास के 3 और पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के 9 प्रोजैक्ट शामिल हैं। यह सभी प्रोजैक्ट राज्य में लागू किये जाएंगे। इसकी विस्तृत जानकारी देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि गेहूँ के बीज का बदलाव, खेती विभिन्नता और फसलों और जानवरों संबंधी शोध प्रोजेक्टों के अलावा प्लांट हैल्थ क्लीनिक राज्य में शुरू किये जाने वाले प्रमुख प्रोजेक्टों में शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य को आर.के.वी.वाई. स्कीम अधीन प्रोजेक्टों के द्वारा कृषि विकास को बढ़ावा देने के लिए अधिकृत किया गया है और यह स्कीम 60:40 के अनुपात के साथ चल रही है।
श्रीमती महाजन ने कहा कि यह प्रोजैक्ट न सिर्फ़ पंजाब में किसानों की आय में विस्तार करेंगे बल्कि कृषि प्रधान राज्य में कृषि की विकास दर को भी बढ़ावा देंगे।
उन्होंने कहा कि इन प्रोजेक्टों को जल्द से जल्द लागू करने के लिए फंडों को जल्द जारी करने की राज्य सरकार की विनती को स्वीकार करते हुए भारत सरकार ने भरोसा दिया है कि पंजाब को पहल के आधार पर फंड मुहैया करवाए जाएंगे।
मुख्य सचिव ने संबंधित सभी विभागों के मुखियों को हिदायत की कि वह पिछले वित्तीय वर्ष के बकाया प्रोजेक्टों को पहल के आधार पर मुकम्मल करें और प्रयोग संबंधी सर्टिफिकेट तुरंत भेजें जिससे नये मंज़ूरशुदा प्रोजेक्टों के लिए भारत सरकार की तरफ से फंड जल्द प्राप्त किये जा सकें।
इस मीटिंग दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय कुमार जंजूआ (पशु पालन), अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) अनिरुद्ध तिवारी, प्रमुख सचिव वित्त के.पी.ए सिन्हा, वित्त कमिश्नर सहकारिता के. सिवा प्रसाद, भारत सरकार की तरफ से आर.के.वी.वाई. के डायरैक्टर आनंद कृष्ण, पंजाब एग्रो के एम.डी. मनजीत सिंह बराड़, मार्कफैड के एम.डी. वरुण रूजम, कमिश्नर कृषि डॉ. बी.एस. सिद्धू और डायरैक्टर खेतीबाड़ी सुखदेव सिंह सिद्धू भी मौजूद थे।
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कार्यालय डायरैक्टर जनरल पुलिस, पंजाब
दिल्ली से 4 अफगान नागरिकों की गिरफ्तारी और 17 किलो हेरोइन की बरामदगी के साथ पंजाब पुलिस ने बड़ी ड्रग सप्लाई चैन का किया पर्दाफाश
नशों के कारोबारियों के अन्य संपर्क तलाशने के लिए यू.पी. में भी भेजी टीम -डी.जी.पी.
चंडीगढ़/होशियारपुर, 5 जुलाई:
पंजाब पुलिस ने रविवार को एक और बड़ी ड्रग सप्लाई चेन का पर्दाफाश करते हुये दक्षिणी दिल्ली की एक निर्माण यूनिट से चार अफगान नागरिकों को गिरफ्तार किया और 17 किलो हेरोइन, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 90 करोड़ रुपए बतायी जा रही है, को जब्त किया है।
डी.जी.पी. पंजाब दिनकर गुप्ता ने जानकारी देते हुये बताया कि इस बरामदगी से पंजाब पुलिस को उत्तर प्रदेश में इस कारोबार के साथ जुड़े अन्य संपर्कों की सूचना निकाल ली है और इस सम्बन्ध में एक टीम वहाँ भेज दी गई है जिससे नशों की सप्लाई के नैटवर्क को तोड़ा जा सके।
गिरफ्तारियों संबंधी जानकारी देते हुए डीजीपी ने बताया कि दोषियों की पहचान मुजाहिद शिनवारी निवासी नंगरहार,  अफगानिस्तान ; मुहम्मद लाल काकर, जनात गुल काकर और समियुल्ला अफगान तीनों निवासी कुंडू, अफगानिस्तान के तौर पर हुई है। हेरोइन की बड़ी बरामदगी के इलावा, पुलिस ने नैब सराए यूनिट से नशीले पदार्थ बनाने के लिए इस्तेमाल किये जाते कई तरह केमिकल और लैब उपकरण भी बरामद किये हैं।
यह गिरफ्तरियां और बरामदगियां एसएसपी नवजोत सिंह माहल के नेतृत्व वाली होशियारपुर पुलिस की टीम ने प्राप्त हुई सूचना के नतीजे के तौर पर की। जिक्रयोग्य है कि एसएसपी माहल नशों के खिलाफ चल रही लड़ाई के हिस्से के तौर पर एन.डी.पी.एस. एक्ट के अधीन दर्ज पहले की कुछ एफआईआरज़ की जांच कर रहे थे।
सम्बन्धित मामले से जुड़े संपर्कों के बारे जानकारी देते हुये डीजीपी ने बताया कि होशियारपुर पुलिस ने 18 मई, 2021 को पुशपिन्दर सिंह उर्फ टिंकू और अमित चैधरी को गिरफ्तार करके 70 ग्राम हेरोइन बरामद की थी, जिन्होंने कबूला था कि उन्होंने यह नशीले पदार्थ जंडियाला, अमृतसर में जसवीर सिंह गज्जु से और होशियारपुर के सरबजीत सिंह सेठी से खरीदे थे। जसवीर सिंह की रिहायश पर छापेमारी की गई जहाँ उसकी साथी जगरूप कौर को पुलिस पार्टी ने 100 ग्राम हेरोइन समेत काबू किया। घर की पूरी तलाशी लेने पर पुलिस पार्टी ने 1.48 किलो हेरोइन, 500 ग्राम सोना और 49.48 लाख रुपए की नगदी बरामद की।
इसके बाद पुलिस ने 1 जुलाई को सरबजीत सेठी को भी गढ़शंकर से गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से 500 ग्राम हेरोइन बरामद की गई। उन्होंने आगे बताया कि सरबजीत ने हेरोइन को अफगान नागरिकों से खरीदा था, जो दिल्ली में हेरोइन बनाने वाली फैक्ट्री चलाते हैं और उत्तर प्रदेश से हेरोइन की तस्करी करने वाले इमतियाज के बारे भी बताया।
प्राप्त हुई सूचना पर कार्यवाही करते हुये होशियारपुर पुलिस टीम ने दिल्ली में शक्की जगह पर छापा मारा और इस निर्माण यूनिट का पर्दाफाश किया जहाँ से बड़ी मात्रा में हेरोइन पंजाब और अन्य राज्यों को सप्लाई की जा रही थी। श्री गुप्ता ने कहा कि इमतियाज के गिरोह का पता लगाने के लिए एक अन्य टीम को उत्तर प्रदेश भेजा गया है।
एस.एस.पी. नवजोत माहल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट के अन्य संबंधों का पता लगाने के लिए पुलिस की तरफ से अगली जांच जारी है और बाकी दोषियों को पकडऩे के लिए छापेमारी की जा रही है।
इस दौरान गढ़संकर थाना होशियारपुर में एनडीपीएस एक्ट की धारा 21-61-85 के अधीन तारीख 1 जुलाई 2021 को एफ.आई.आर. नं. 90 दर्ज की गई थी।
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सूचना एवं लोक संपर्क विभाग, पंजाब
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि बढ़ाई गई
चंडीगढ़, 5 जुलाई:
पंजाब सरकार ने शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2021 के लिए ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने के लिए 10 जुलाई तक समय बढ़ा दिया है।
इसकी जानकारी देते हुए पंजाब शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि शिक्षकों को nationalawardstoteachers.mhrd.gov.in पर  रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा गया है। इस पुरस्कार के लिए सभी स्कूल प्रमुख / इंचार्ज और रेगुलर अध्यापक अप्लाई कर सकते हैं।
प्रवक्ता के अनुसार इस पुरस्कार के मुल्यंकन के लिए हर जि़ले में जि़ला चयन समिति बनाई गई है। जि़ला चयन समिति तीन उम्मीदवारों के नाम शॉर्टलिस्ट करके प्रांतीय चयन समिति को 21 जुलाई 2021 तक भेजेगी। प्रांतीय चयन समिति के चेयरपर्सन सचिव शिक्षा होंगे। उनके अलावा इस समिति में केंद्र सरकार का एक प्रतिनिधि, निदेशक शिक्षा (सदस्य सचिव), निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. (सदस्य) और प्रांतीय एम.आई.एस. इंचार्ज (तकनीकी सहायक) होंगे।
यह प्रांतीय चयन समिति छह उम्मीदवारों के नाम राष्ट्रीय स्तर की ज्यूरी को भेजेगी। इन नामांकित उम्मीदवारों द्वारा ज्यूरी के समक्ष अपने कार्यां / उपलब्धियों सम्बन्धी प्रस्तुति पेश की जायेगी और जो अध्यापक अधिक अंक लेगा उसे राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना जायेगा। इस बार एम.एच.आर.डी. द्वारा किसी भी राज्य को राष्ट्रीय पुरस्कार सम्बन्धी कोई निर्धारित कोटा नहीं दिया गया।
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सूचना एवं लोक संपर्क विभाग, पंजाब
पंजाब की शराब उत्पादक इकाईयों का तीसरी पक्ष से करवाया जायेगा ऑडिट
आबकारी विभाग की तरफ से आई.आई.टी रोपड़ के साथ साझेदारी
चंडीगढ़, 5 जुलाई:
राज्य के आबकारी विभाग ने बीते वर्ष से राज्य में शराब उत्पादक इकाईयों के कामकाज को सुचारू ढंग से चलाने के लिए विभाग की तरफ से आई.आई.टी रोपड़ के साथ हिस्सेदारी की गई है जिससे इन इकाईयों में मास फलो मीटरों के तकनीकी आडिट और ले-आउट के ढांचागत ऑडिट को अंजाम दिया जा सके। आई.आई.टी. रोपड़ के माहिरों की टीम द्वारा यह ऑडिट प्रक्रिया आज डेराबस्सी की मैसर्ज राजस्थान लिकुअरज लिमटिड से शुरू कर दी गई और 6 महीनों के दौरान राज्य की सभी उत्पादन इकाईयों को कवर करेगी। इस ऑडिट का मकसद एक्स्ट्रा नियूटरल एलकोहल (ई.एन.ए.) की चोरी को रोकते हुए राज्य का राजस्व सुरक्षित करना है।
आज यहाँ यह जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस निवेकली पहल के अंतर्गत एक स्वतंत्र संस्था की मदद से 16 डिस्टीलरियों, 4 बीयर बनाने के कारखाने और 25 बाटलिंग प्लांटों के सम्मिलन वाली उत्पादन इकाईयों के कामकाज की समीक्षा और आडिट किया जायेगा। इन इकाईयों में, डी-नेचरड स्पिरिट, भारत में बनी विदेशी शराब, पंजाब में बनी मध्यम दर्जो की शराब और बीयर का उत्पादन किया जाता है और इन इकाईयों की स्थापना आबकारी विभाग द्वारा आबकारी कानूनों के नियमों के अनुसार लाइसेंस जारी करके की जाती है।
और जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि एक्स्ट्रा नियूटरल एलकोहल (ई.एन.ए.)/डी नेचरड स्पिरिट/रैकटीफाईड स्पिरिट को ले जाने के लिए स्थापित इकाई और पाईपलाईनों की ढांचागत बनावट का आबकारी कानूनों के अनुसार होना जरूरी है। हाल ही में मास फलो मीटरों को सभी डिस्टिलरियों, बाटलिंग प्लांटों और बीयर उत्पादक कारखाने में आबकारी विभाग की पहल पर स्थापित किया गया जिससे इन डिस्टिलरियों द्वारा उत्पादन की जाती ई.एन.ए. या अन्य शराब की किस्मों की मात्रा का सही पता लगाया जा सके जिनको बाद में बाटलिंग के लिए भेज दिया जाता है।
आबकारी अधिकारियों की तरफ से इन इकाईयों पर कड़ी निगाह रखी जाती है और किसी भी कमी आने की सूरत में इकाईयों के खिलाफ कार्यवाही की जाती है।
इन उत्पादन इकाईयों के कामकाज में पारदर्शिता लाने हेतु ही आई.आई.टी. रोपड़ जैसी संस्था से थर्ड पार्टी ऑडिट करवाने का फैसला किया गया है। तकनीकी माहिरों के सम्मिलन वाली एक टीम हर इकाई का ऑडिट करके अपनी रिपोर्ट देगी और पूरी गहराई से मास फलो मीटरों के कामकाज और ढांचागत बनावट की जांच करेगी। इस ऑडिट का सारा खर्चा आबकारी विभाग की तरफ से किया जायेगा।
इस ढांचागत बनावट के ऑडिट का मकसद यह देखना है कि प्लांट और उसके बने हुए ढांचे, विभाग द्वारा मंजूरशुदा साइट मेप के अनुसार हैं या नहीं। इसके साथ ही उत्पादक इकाई में बिछाईं गई पाइपलाइनों की भी जांच की जायेगी। इस जांच का मकसद यह जांचना है कि कोई भी ऐसी समानांतर पाईप लाईन न हो जो कि स्पिरिट को आम बहाव की अपेक्षा अधिक मात्रा में न ले जा सकेे। मास फलो मीटरों का तकनीकी ऑडिट करने का मकसद इनकी विशेषताओं और व्यास -माप की जांच करना होगा। इसके साथ ही इस पक्ष की भी जांच की जायेगी कि फलो मीटरों द्वारा स्पिरिट के पूरे बहाव की माप की जा रही है या नहीं और कहीं कोई अन्य पाईप लाईन तो नहीं बिछाई गई जो कि फलो मीटर को बाइपास करती हो।
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मुख्यमंत्री कार्यालय, पंजाब
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने दिल्ली के किसानों को मुफ़्त बिजली देने में नाकाम रहने पर केजरीवाल को आड़े हाथों लिया
दिल्ली की बिजली दरों के ढांचे को रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियों की जेब भरने के लिए संगठित लूट बताया
दिल्ली के नागरिक पंजाब की अपेक्षा बिजली के लिए औसतन अधिक कीमत कर रहे हैं अदा
चंडीगढ़, 5 जुलाई:
राष्ट्रीय राजधानी में किसानों को मुफ़्त बिजली देने में नाकाम रहने पर दिल्ली में अपने समकक्ष को आड़े हाथों लेते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव पर नजऱ रखकर पंजाब में मुफ़्त बिजली देने के झूठे वादे करने के लिए अरविन्द केजरीवाल की कड़ी आलोचना की है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि केजरीवाल सरकार सभी मोर्चों पर दिल्ली के लोगों के प्रति पूरी तरह विफल साबित हुई है और राष्ट्रीय राजधानी में स्थित गाँवों के किसानों को न मुफ़्त बिजली मिलती है बल्कि उद्योग के लिए बिजली दरें भी बहुत ज़्यादा हैं। उन्होंने ऐलान किया कि पंजाब के लोग हर क्षेत्र में शासन के दिल्ली मॉडल को पहले ही नकार चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली की बिजली दरों को केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार की संगठित लूट करार देते हुए कहा कि दिल्ली की सरकार ने बिजली का वितरण करने वाली रिलायंस जैसी प्राईवेट कंपनियों को आम आदमी की कीमत पर अधिक दरें वसूल कर अपनी जेब भरने के लिए खुलेआम इजाज़त दी हुई है।
केजरीवाल की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार औद्योगिक बिजली के लिए 9.80 रुपए यूनिट वसूल कर रही है जबकि पंजाब में कांग्रेस सरकार पंजाब में उद्योगों को आकर्षित करने के लिए पाँच रुपए यूनिट की सब्सिडी दर के मुताबिक वसूल की जा रही है और इसी सब्सिडी के परिणामस्वरूप् बीते साल चार सालों में जमीनी स्तर पर 85,000 करोड़ की लागत का निवेश के लिए रास्ता साफ हुआ। उन्होंने कहा कि 2226 करोड़ रुपए की सालाना सब्सिडी पर पंजाब में 1,43,812 औद्योगिक इकाईयोंं को इस समय पर सब्सिडी के मुताबिक बिजली दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में उनकी सरकार 13,79,217 किसानों को 6735 करोड़ रुपए की मुफ्त बिजली मुहैया करवा रही है जबकि दूसरी तरफ दिल्ली में आप की सरकार ने किसान भाईचारे को ऐसी मदद देने के लिए कोई भी यत्न नहीं किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले केजरीवाल सरकार ने तीन खेती विरोधी कानूनों में से एक कानून नोटीफायी किया और अब आम आदमी पार्टी पंजाब के किसानों के हमदर्द होने का बहाना कर रही है।
दिल्ली की जन विरोधी बिजली दरों का पर्दाफाश करते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार घरेलू बिजली 200 यूनिट मुफ्त देकर एक तरफ जेब में थोड़ी रकम डाल रही है और दुकानदारों, उद्योगों और किसानों से कमर्शियल और कृषि बिजली की अधिक कीमतें लगा कर दूसरी तरफ जेब में से बड़ी रकम वसूल कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार छोटे दुकानदारों और अन्य कमर्शियल संस्थाओं को बिजली 11.34 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बेच रही है जो कि पंजाब की कीमतों से 50 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने कहा कि वास्तव में दिल्ली का हर निवासी पंजाब के निवासियों के मुकाबले अप्रत्यक्ष तौर पर बिजली के लिए अधिक रकम अदा कर रहा है।
दो राज्यों में दी जाती बिजली सब्सिडियों की तुलना करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार बिजली सब्सिडी पर सालाना 10458 करोड़ रुपए खर्च रही है जब कि केजरीवाल सरकार 2820 करोड़ रुपए खर्च करती है। पंजाब की 3 करोड़ जनसंख्या के मुकाबले दिल्ली की जनसंख्या सिर्फ 2 करोड़ है। इस हिसाब से पंजाब में औसतन बिजली सब्सिडी प्रति व्यक्ति 3486 रुपए हैं जब कि दिल्ली में प्रति व्यक्ति 1410 रुपए दी जाती है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से दी जाती 10458 करोड़ रुपए की सब्सिडी कुल राजस्व का 2.24 प्रतिशत है जब कि दिल्ली सरकार की तरफ से दी जाती 2820 करोड़ रुपए की सब्सिडी कुल राजस्व का सिर्फ 1.03 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उपभोक्ताओं को बिजली की बिक्री के द्वारा इकठ्ठा होते राजस्व के प्रसंग में देखा जाये तो स्थिति और भी बुरी हो जाती है। साल 2020-21 में पी.एस.पी.एस.एल. ने 46,713 मेगावाट बिजली बेची जब कि दिल्ली में डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों ने 27,436 मेगावाट बिजली बेची। पंजाब में बिजली को बेच कर कुल 29,903 करोड़ रुपए राजस्व इक_ा हुआ जब कि दिल्ली में 20,556 करोड़ रुपए राजस्व इक_ा हुआ। इसी तरह पंजाब में औसतन प्रति यूनिट बिजली की कीमत 6.40 रुपए है जब कि दिल्ली में यही 7.49 रुपए है।
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मुख्य सचिव कार्यालय, पंजाब
राज्य के कॉलेजों में चलाई जायेगी कोविड टीकाकरण मुहिम: मुख्य सचिव
सभी पात्र विद्यार्थियों और स्टाफ को जुलाई महीने में लगाए जाएंगे टीके
चंडीगढ़, 5 जुलाई:
राज्य में कोविड टीकाकरण मुहिम को और अधिक बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा जल्द ही पंजाब के कॉलेजों के 18 साल से अधिक उम्र के सभी विद्यार्थियों सहित प्रशासनिक और अकादमिक स्टाफ के टीकाकरण के लिए एक विशेष मुहिम आरंभ की जायेगी।
इस उद्देश्य के लिए कॉलेजों में विशेष कैंप लगाए जाएंगे और सभी पात्र विद्यार्थियों और स्टाफ को जुलाई में वैक्सीन का पहला टीका लगाया जायेगा।
इस संबंधी फ़ैसला यहाँ मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन की अध्यक्षता में हुई स्वास्थ्य क्षेत्र प्रतिक्रिया और खरीद समिति की 96वीं मीटिंग दौरान लिया गया।
उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार क्ल्याण विभाग को पाजि़टिव मामलों संबंधी आंकड़ों की साप्ताहिक समीक्षा के लिए राज्य और जि़ला स्तर पर एक टीम नियुक्त करने के लिए कहा जिससे राज्य में कोविड का ख़तरा बढऩे पर लोगों को समय पर सचेत किया जा सके।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव हुस्न लाल को कहा कि कोविड-19 संबंधी स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की व्यवस्था और जल्द से जल्द उचित प्रयोग को यकीनी बनाने के लिए एक नोडल अफ़सर भी नियुक्त किया जाये।
कोविड मामलों की पाजि़टीविटी को काबू में रखने के लिए प्रभावशाली ढंग से कंटेक्ट ट्रेसिंग और टेस्टिंग पर ज़ोर देते हुए श्रीमती महाजन ने स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिया कि सभी जिलों द्वारा कौवा एप पर सही टेस्टिंग डाटा दर्ज और अपडेट किया जाये और यह डाटा रोज़ाना कोविड रिपोर्ट में दर्शाया जाये। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को यह कार्य मुकम्मल करने हेतु एक अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को सभी तंदुरुस्त पंजाब स्वास्थ्य केन्द्रों (एच.डब्ल्यू.सी.) और अन्य सभी स्वास्थ्य देखभाल संस्थाओं में फ़तेह किटों की स्थिति का जायज़ा लेने के लिए कहा और इस संबंधी रिपोर्ट पेश करने के लिए निर्देश भी दिए।
इसके अलावा, पंजाब स्वास्थ्य सेवाएं निगम (पीएचएससी) को 2017 के बाद खरीदीं गई ऐंबूलैंसों समेत 270 ऐंबूलैंसों का एक बेड़ा तैयार करने और प्रयोग के लिए अयोग्य पुरानी ऐंबूलैंसों को नकारा करने की हिदायत की गई।
वायरस को रोकने के लिए उचित स्वास्थ्य स्टाफ, उनका उचित प्रशिक्षण और ज़रुरी उपकरणों की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि मौजूदा स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने के अलावा सी.एच.सी., पी.एच.सी और ट्रॉमा सैंटरों वाली नयी स्वास्थ्य संस्थाएं स्थापित करने का कार्य जल्द ही मुकम्मल किया जायेगा।
श्रीमती महाजन ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि वह संगरूर के पीजीआई सैटेलाइट सैंटर और बठिंडा के एम्ज़ में सुविधाओं में विस्तार करने के लिए यह मुद्दा केंद्र के समक्ष उठाएं जिससे उनको कोविड की संभावी तीसरी लहर से निपटने के लिए इन संस्थाओं को मज़बूत बनाया जा सके।
शनिवार को आयोजित सामूहिक टीकाकरण मुहिम के दौरान एक दिन में 6 लाख से अधिक लोगों के टीके लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की सराहना करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि आने वाले दिनों में भी इसी गति को बनाए रखा जाना चाहिए।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री हुस्न लाल ने मुख्य सचिव को बताया कि अब तक 7,212,629 पात्र व्यक्तियों का टीकाकरण किया जा चुका है और महामारी को रोकने के लिए राज्य के प्रत्येक पात्र नागरिक के टीकाकरण को यकीनी बनाने के लिए मुहिम को और तेज़ किया जायेगा।
मीटिंग दौरान पंजाब के स्वास्थ्य विभाग के सलाहकार डॉ. के.के. तलवार, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान के प्रमुख सचिव डी.के. तिवारी, पी.एच.एस.सी. के एम.डी. तनु कश्यप और बी.एफ.यू.एच.एस. के वाइस चांसलर डॉ. राज बहादुर शामिल थे।
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सूचना एवं लोक संपर्क विभाग, पंजाब
पी.एस.पी.सी.एल. ने रविवार को राज्य भर में किसानों के लिए औसतन 10.3 घंटे बिजली आपूर्ति को सुनिश्चित बनाया
चण्डीगढ़, 5 जुलाई:
किसानों को बिजली आपूर्ति के घंटों में वृद्धि करने के लिए अपने विशेष प्रयासों को जारी रखते हुए पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.) द्वारा रविवार (4 जुलाई) को धान की बिजाई सम्बन्धी कार्यों के लिए राज्य भर में औसतन 10.3 घंटे बिजली आपूर्ति की गई।
पी.एस.पी.सी.एल. के चीफ़ मैनेजिंग डायरैक्टर (सी.एम.डी.) ए वेनू प्रसाद ने आज यहाँ बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कृषि क्षेत्र को निर्विघ्न बिजली आपूर्ति को सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए हैं और विभाग धान की बिजाई के लिए अधिक से अधिक बिजली की उपलब्धता को यकीनी बनाने के लिए 24 घंटे काम कर रहा है।
पी.एस.पी.सी.एल. के सी.एम.डी. ने आगे बताया कि राज्य को औसतन बिजली आपूर्ति का समय शनिवार को 9.8 घंटों से बढ़ाकर रविवार को 10.3 घंटे कर दिया गया।
रविवार को कृषि कार्यों के लिए सप्लाई की गई बिजली के समय के आंकड़ों का हवाला देते हुए सी.एम.डी. ने कहा कि शनिवार को बॉर्डर ज़ोन गुरदासपुर, उप-अमृतसर और तरन तारन को 12.4 घंटों के मुकाबले 14.7 घंटे औसतन बिजली सप्लाई मिली, जबकि उत्तरी ज़ोन के जिलों कपूरथला, जालंधर, होशियारपुर और नवां शहर को 10.3 घंटों के मुकाबले औसतन 11.0 घंटे बिजली सप्लाई मिली।
पी.एस.पी.सी.एल. के प्रवक्ता ने बताया कि इसी समय के दौरान दक्षिणी ज़ोन के पटियाला, संगरूर, बरनाला, रोपड़ और मोहाली जिलों को औसतन 10.2 घंटे बिजली सप्लाई मिली।
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