आज ऐतिहासिक खालसा कालेज में यूके के उच्च सुरक्षा अधिकारियों ने दौरा किया

0
75
राजिंदर मोहन सिंह छीना यूके आर्मी की मेजर जनरल सेलिया जेन हार्वे को कॉलेज के चित्र और ट्रॉफी के साथ सम्मानित करते हुए व अन्य दृश्य

अमृतसर, 9 नवंबर ( मनी ) आज ऐतिहासिक खालसा कालेज में यूके के उच्च सुरक्षा अधिकारियों ने दौरा किया, जिन्होंने सिख इतिहास अनुसंधान केंद्र में जिन लोगों को सिख इतिहास से जुड़ी जानकारी हासिल की, वही कालेज की आलीशान इमारत को देखकर गदगद हो गए।

इसके बाद खालसा कालेज गवर्निंग कौंसिल के आनरेरी सचिव राजिन्दर मोहन सिंह छीना के साथ मीटिंग के दौरान यूके आर्मी की मेजर जनरल सेलिया जेन हार्वे ने कहा कि सिखों की बहादुरी व शहादत के जज्बे की दुनिया कायल है। उन्होंने कहा कि सिख यूनाइटेड किंगडम डिफेंस फोर्सेज का हिस्सा हैं और दस्तार और आस्था की अन्य वस्तुएं पहनने के हकदार है। दो विश्व युद्धों के दौरान सिख सैनिकों की भूमिका मिसाल थी और कई यूरोपियन देश पंजाब के बहादुर सैनिकों की आजादी के ऋणी है।

आज यहां यूके की मेजर जनरल सेलिया जेन हार्वे ने किया। जिन्होंने ऐतिहासिक खालसा कालेज का अपने दस सदस्यों के साथ दौरा किया। आर्मी मेजर जनरल सेलिया जेन हार्वे ने खालसा कॉलेज गवर्निंग काउंसिल के मानद सचिव राजिंदर मोहन सिंह छीना से मुलाकात की। उन्होंने आज यहां सिख इतिहास खोज केंद्र का दौरा करते हुए खालसा कॉलेज पब्लिक स्कूल में सारागढ़ी के महाकाव्य युद्ध के नायकों को भी याद किया।

इस मौके पर छीना के साथ बातचीत के दौरान जनरल हार लवी ने सिख भाईचारे की तारीफ की। उन्होंने कहा कि सिखों ने अपनी बहादुरी और अद्वितीय बलिदान के लिए दुनिया भर में सम्मान अर्जित किया है। उन्होंने कहा कि सिख सैनिकों ने शोषित और असहायों की रक्षा के लिए अपना खून बहाया है, जिनको बहादुरी की मिसाल के तौर पर पेश किया जाता है।

सारागढ़ी की लड़ाई का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 21 बहादुर सिख सैनिकों ने 10,000 अफगानों का सामना किया। इस अवसर पर छीना ने कहा कि कई पंजाबी और सिख विदेशों में बस गए हैं और उन्होंने यूके, कनाडा और अमेरिका सहित देशों की समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने सारागढ़ी की लड़ाई के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी और बताया कि कैसे सिखों ने गुरु साहिबों और श्री गुरु ग्रंथ साहिब के जीवन से मार्गदर्शन लेकर अपना साहस और बलिदान की भावना दिखाई। इस अवसर पर सारागढ़ी फाउंडेशन के अध्यक्ष गुरिंदर पाल सिंह जोसन, जिन्होंने उक्त प्रतिनिधिमंडल को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, ने कहा कि ब्रिटिश सेना के अधिकारी सिख बुद्धिजीवियों से बात करना चाहते थे क्योंकि वे चाहते हैं कि सिख यूके के रक्षा बलों में सेवा करते हुए अपनी मर्यादा व परंपरा का पालन करें। उन्होंने जनरल हारवे से मिल कर छीना तथा खालसा कालेज के प्रिंसिपल डा. महल सिंह का सम्मान किया। इस अवसर पर छीना ने आए हुए शिष्टमंडल को सम्मानित भी किया।