‘राम’ ने बॉर्डर को भेजा ‘अल्लाह’ के देश

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देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 घण्टे में बनवाया ‘बॉर्डर’ का पासपोर्ट

‘बॉर्डर’  ऐसा पहला नागरिक जो बिना पासपोर्ट और वीजा पहुंचा बॉर्डर उस पार ‘पाकिस्तान’

2 दिसम्बर को जन्मा अटारी बॉर्डर पर तो पासपोर्ट में ‘हुआ बॉर्डर राम’

अटारी बॉर्डर पर जन्में बच्चे का नाम रखा ‘बॉर्डर राम’

‘बॉर्डर’ भारत के अटारी बॉर्डर की जमीं पर जन्मा तो पाकिस्तान ने लेने से किया इंकार

आज के दिन भारत और पाकिस्तान के बीच ‘बॉर्डर राम ‘ के चलते इतिहास रचा वहीं
‘राम’ ने ‘बॉर्डर’ को भेजा अल्लाह के देश ।
यह कहानी ऐसी सच्ची घटना है जिस पर बॉलीवुड आने वाले दिनों में फिल्म बना सकती है ।भारत -पाकिस्तान विभाजन पर बनी कई फिल्मों ने अब तक तहलका मचा दिया । बात करें 28 जून 1991 को ऋषि कपूर का पाकिस्तानी हीरोइन जेबा बख्तियार ने ‘हिना’ फ़िल्म से देश दुनिया में धूम मचा दी ।
इसी तरह 15 जून 2001 में आई फिल्म ‘ग़दर एक प्रेम कथा’ ने तो सारे रिकॉर्ड ध्वस्त करते हुए बॉलीवुड के इतिहास में सबसे ज्यादा चलने वाली दूसरी फिल्म का खिताब हासिल किया।
तारा सिंह यानि सनीदेओल और हीरोइन समीना ( अमीषा पटेल )और तारा सिंह के बेटे का किरदार निभाने वाले ‘जीत’ने दुनिया का दिल जीत लिया और 78 करोड़ कमाई कर डाली ।
17 जुलाई 2015 को सलमान खान और करीना कपूर के साथ नवाजुद्दीन सिद्दीकी की तिकड़ी के बीच ‘बजरंगी भाईजान’ ने जहां सुपर डुपर बिजनेस किया वहीं ‘मुन्नी’ के किरदार ने दुनिया को दिखा दिया कि कहानी में दम हो तो उसे सुपरहिट होने से कोई नहीं रोक सकता।
अब हम बात करते हैं ऐसी कहानी की जो सत्य घटना पर आधारित है वही भारत-पाकिस्तान के बनते बिगड़ते संबंधों को नई दिशा दे रही है । खास बात है कि इस कहानी के ‘हीरो’ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ कैबिनेट मंत्री सर्दी पूरी व गजेंद्र शेखावत और आरएसएस के प्रांत प्रचारक और सरहदी लोक सेवा समिति पंजाब जम्मू-कश्मीर एवं हिमाचल के मनोज कुमार,  पंजाब के कैशियर कृति शर्मा,  प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं प्रभारी जंडियाला अनुज भंडारी, अमृतसर क्लब के पदाधिकारी लाली चंडोक, सुमित सेठ,गौरव बहल, गगन सिंह बेदी रेड क्रॉस के सेकट्री रश्दीप सिंह , एसएमओ लोपोके अजय कुमार के साथ अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैरा पंजाब के पूर्व मंत्री गुलजार सिंह रानिके के साथ-साथ अटारी गांव के जोधा सिंह और उनकी सारी टीम है।
कहानी भारत पाकिस्तान के बॉर्डर से जुड़ी है और नाम है बॉर्डर राम।

हाँथ में भारतीय नोटों की विदाई लिए बार्डर राम

अमृतसर से 25 किलोमीटर दूर बॉर्डर पर पिछले करीब 70 दिनों से 99 पाकिस्तानी हिंदू परिवार बॉर्डर पर डेरा डाले बैठे थे।  2 दिसंबर 2021 पाकिस्तान के सिंध प्रांत से सटे पाकिस्तान के पंजाब सूबे के राजनपुर के रनिया निवासी पालाराम अपनी पत्नी नींबू देवी और तीन बच्चों के साथ  कुंभ मेले में गंगा स्नान करने के बाद पाकिस्तान जाने के लिए अटारी बॉर्डर पर करीब ढाई महीने से इंतजार कर रहे थे।
2 दिसंबर की रात नींबू देवी को प्रसव पीड़ा हुई तो उसने बॉर्डर पर सड़क पर बेटे को जन्म दिया।  बेटे के जन्म पर पिता पालाराम ने उसका नाम ‘बॉर्डर’ रख दिया ।
पालाराम ही नहीं बाकी सभी 99 हिंदू परिवारों का वीजा अवधि खत्म हो चुकी थी , वजह थी कि कोरोना  के चलते लॉकडाउन में सभी जोधपुर में फंस चुके थे ।
3 दिसंबर 2021 आरएसएस के प्रांत प्रचारक मनोज कुमार ने भाजपा नेता अनिल भंडारी को सभी हिंदू परिवारों को पाकिस्तान भेजने के लिए तुरंत बंदोबस्त करने को कहा।
अनुज भंडारी ने अपनी टीम व दिल्ली बैठे कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह पुरी से फोन पर बात की । ऐसे में मोदी सरकार ने सभी 99 हिंदू परिवारों को पाकिस्तान जाने की इजाजत पाकिस्तानी दूतावास से दिला दी ।
4 दिन में दस्तावेज पूरे होने के बाद सभी 99 परिवारों को पाकिस्तान अटारी सरहद से 7 दिसंबर को विदा कर दिया गया।  7 दिसंबर 2021 दोपहर पाकिस्तान जाते पाला राम का परिवार बहुत खुश था लेकिन यह खुशी तक काफूर हो गई जब पाकिस्तान पहुंच चुके पाला राम के सबसे छोटे बेटे ‘बॉर्डर’ पर पाकिस्तान ने लेने से इंकार करते हुए पाला राम के परिवार को वापस भारत भेज दिया।  बॉर्डर तब मात्र 5 दिन का था । पाकिस्तान द्वारा बॉर्डर को  लेने से इनकार करने के बाद पाला राम का परिवार दोबारा बॉर्डर क्रॉस कर भारत लौटा दिया गया। पालाराम का परिवार पाकिस्तान की नागरिकता के बावजूद बॉर्डर के वजह से लौटा दिया गया। सारे अरमान ढेर हो गए।
पाला राम ने दोबारा अनुज भंडारी की टीम से संपर्क साधा । अनुज बॉर्डर के लिए सीधे अपने आका के जरिए बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक  दोबारा पहुंचाई तो पाला राम परिवार को 7 दिसंबर को ही दिल्ली स्थित पाकिस्तान दूतावास भेजने के लिए अटारी बॉर्डर से रवाना कर दिया गया ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर 2 घंटे में बॉर्डर का पासपोर्ट मां नींबू देवी के पासपोर्ट से लिंक कर दिया गया।
8 दिसंबर को ही सारे दस्तावेज बना दिया गया । 9 दिसम्बर को पाला राम का परिवार दिल्ली से बस द्वारा अमृतसर के लिए रवाना हुआ।

पाकिस्तान रवाना होते हुए बार्डर राम का परिवार

10 दिसंबर 2021 यानी कि आज सुबह जैसे ही करीब 7:00 बजे गोल्डन टेंपल एक्सप्रेस से पाला राम का परिवार अमृतसर पहुंचा । जहां अटारी के दानवीर ने परिवार को लेकर बॉर्डर के तरफ रवाना हुआ।
अमृतसर में अनुज भंडारी की टीम ने पाला राम के परिवार को जहां आर्थिक भेंट दी वहीं ढेर सारा प्यार दिया दोपहर करीब 1:30 बजे पाकिस्तान रेंजर्स ने बॉर्डर के दस्तावेज चेक करने से पहले ‘करोना’
की रिपोर्ट देखते सारी दस्तावेज स्वीकार कर लिया । बॉर्डर अभी 8 दिन का है । अब तो बॉर्डर राम नाम अब उसके पासपोर्ट पर दर्ज है । पिता पालाराम कहते हैं कि बॉर्डर नाम इसलिए रखा ताकि भारत-पाकिस्तान का बॉर्डर खुल सके।
खास बात है कि जिस अटारी गांव में बॉर्डर ने जन्म लिया है वह फिल्म स्टार अजय देवगन का पैतृक निवास है ।  बॉर्डर राम की कहानी ऐसी है  जिस पर ‘राम’ चाहे तो सुपरहिट फिल्म बन सकती है।
भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद बॉर्डर ऐसा पहला शख्स है जो बिना पासपोर्ट वीजा पाकिस्तान पहुंचा लेकिन मात्र 5 दिन के बॉर्डर को पाकिस्तान रेंजर्स गिरफ्तार करने के बजाय उसे बॉर्डर पार यानि कि भारत भेज दिया।
आज उसी बॉर्डर पर जब ‘बॉर्डर राम’ ने भारत का बॉर्डर मां की गोद में लांघा तो पार्क रेंजर्स ने  बॉर्डर राम को स्वीकार कर लिया।

बार्डर राम का परिवार

8 दिन की उम्र में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनकी टीम के चलते आज बॉर्डर पार कर गया ‘बॉर्डर राम’।’ राम’  करे बॉर्डर खुशहाल रहे और ‘अल्लाह’ के देश में उसे हर सुख मिले।  ‘बॉर्डर राम’ के बॉर्डर पार जाने से खुशी की लहर भारतीयों में दौड़ गई है और यही इंसानियत की मिसाल है।