मुख्य सचिव ने लगातार बारिश के कारण स्थिति का जायजा लेने हेतु प्रशासनिक सचिवों और जिला सिविल व पुलिस प्रशासन के साथ की बैठक

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मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रशासन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयारः अनुराग वर्मा

बांधों में जलस्तर का लिया जायज़ा

मौजूदा हालात से निपटने के लिए 33.50 करोड़ रुपये जारी

डीसी, एसएसपी, एसडीएम, तहसीलदार, बीडीपीओ, पटवारी समेत सभी विभागीय अधिकारियों को फील्ड में तैनात रहने के आदेश

मानव जीवन सबसे कीमती, निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालना सर्वाेच्च प्राथमिकता

चंडीगढ़, 10 जुलाईः

प्रदेशभर और पहाड़ी स्थानों पर लगातार हो रही भारी बारिश से पैदा हुए हालात का जायजा लेने और प्रदेश में राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने सोमवार को संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक की और सभी जिलों के उपायुक्त और एस.एस.पीज़ के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री के विशेष मुख्य सचिव ए वेणु प्रसाद, डी.जी.पी. गौरव यादव एवं सेना एवं एन.डी.आर.एफ. के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव श्री वर्मा ने कहा कि राज्य में स्थिति पर नजर रखने और बाढ़ के संभावित खतरे से निपटने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद जिलों का सिविल और पुलिस प्रशासन तत्परता से फील्ड में तैनात है जिसमें उपायुक्त, एस.एस.पी., एसडीएम, तहसीलदार, बीडीपीओ, पटवारी सहित संबंधित विभागों के फील्ड अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि फील्ड अधिकारी जन-प्रतिनिधियों और आम जनता से लगातार संपर्क बनाये रखें। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए धन की कोई कमी नहीं है और राज्य के आपदा राहत कोष से तत्काल 33.50 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं।

बैठक में जल स्रोत विभाग ने राज्य भर के जलाशयों की स्थिति की जानकारी दी। भाखड़ा बांध में जलस्तर 1614.89 फीट है जबकि क्षमता 1680 फीट है। इसी प्रकार पौंग बांध में जल स्तर 1350.63 फीट है जबकि क्षमता 1390 फीट है। रणजीत सागर बांध में जल स्तर 1706.26 फीट है जबकि क्षमता 1731.99 फीट है।

श्री अनुराग वर्मा ने कहा कि मानव जीवन सबसे कीमती है और इसे बचाना सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कम पानी वाले क्षेत्रों और बाढ़ संभावित क्षेत्रों से लोगों की सुरक्षित निकासी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को जरूरत पड़ने पर भोजन के पैकेट तैयार करने के लिए कहा गया। इस कार्य के लिए धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों के समन्वय से आवश्यक सरकारी धनराशि का उपयोग किया जाना चाहिए। विद्युत एवं दूरसंचार विभाग से अपनी सेवाओं की निर्बाध निरंतरता सुनिश्चित करने को कहा। जलापूर्ति विभाग लोगों को स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था भी सुनिश्चित करे। जल जनित बीमारियों से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार रहे। इस मौके पर उन्होंने क्लोरीन की गोलियों के लिए तत्काल धनराशि जारी करने को कहा। पशुपालन विभागों को पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए पहले से इंतजाम करने को कहा गया। ग्रामीण विकास और पंचायत तथा स्थानीय निकाय विभागों को अपने प्रतिनिधियों के साथ शहरों और गांवों में लोगों की मदद के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया।

मुख्य सचिव ने क्षेत्र की स्थिति का जायजा लिया जिसमें एस.ए.एस. नगर, पटियाला, रूपनगर और संगरूर के डिप्टी कमिश्नरों ने कहा कि उनके जिलों में कुछ जगहों पर स्थिति गंभीर है, लेकिन प्रशासन तत्परता से काम कर रहा है। मुख्य सचिव ने सभी जिलों से कहा कि अपनी-अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित करते हुए आवश्यक सहायता से अवगत कराया जाये. इस अवसर पर एन.डी.आर.एफ कमांडेंट ने बताया कि पंजाब में 14 एन.डी.आर.एफ. टीमें तैनात हैं। रूपनगर, जहां अब चार टीमें तैनात थीं, वहां डिप्टी कमिश्नर के अनुरोध पर दूसरी टीम तैनात करने के निर्देश दिए गए।

बैठक में मुख्य सचिव ने सभी नगर निगमों के आयुक्तों से बात की और निगम शहरों की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि शहरवासियों को आवश्यक सेवाएं उपलब्ध हों। दूर-दराज के जिले कपूरथला, तरनतारन, मोगा जहां स्थिति अभी भी पूरी तरह नियंत्रण में है, उन्हें अग्रिम व्यवस्था करके स्थिति पर नजर रखने के लिए कहा गया है क्योंकि पहाड़ों में बारिश के कारण नदियों में जल स्तर बढ़ रहा है। वहीं, मौजूदा हालात को देखते हुए सेना से भी लगातार संपर्क बनाए रखा जा रहा है।

बैठक में विशेष मुख्य सचिव राजस्व के ए पी सिन्हा, प्रधान सचिव जल आपूर्ति एवं स्वच्छता जसप्रीत तलवार, प्रधान सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण वीपी सिंह, प्रधान सचिव वित्त ए.के सिन्हा, प्रधान सचिव जल स्रोत कृष्ण कुमार, प्रधान सचिव लोक निर्माण नील कंठ अवध, सचिव स्थानीय निकाय अजोय शर्मा, सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति गुरकीरत कृपाल सिंह, सचिव गृह जसविंदर कौर सिद्धू, सचिव वित्त गुरप्रीत कौर सपरा, सचिव सूचना एवं लोक संपर्क मालविंदर सिंह जग्गी, मुख्यमंत्री के विशेष प्रधान सचिव रवि भगत, विशेष सचिव राजस्व डॉ. अमरपाल सिंह, निदेशक ग्रामीण विकास एवं पंचायत गुरप्रीत सिंह खैहरा, निदेशक सूचना एवं लोक संपर्क विभाग और विशेष सचिव बिजली भूपिंदर सिंह, निदेशक पशुपालन डॉ. राम पाल मित्तल, उपस्थित थे। पश्चिमी कमान के सलाहकार सिविल सेना मामलों के प्रतिनिधि कर्नल जेएस संधू और एनडीआरएफ के कमांडेंट संतोष कुमार मौजूद थे।