भ्रष्टाचार के प्रति ज़ीरो टॉलरैंस ही है पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासनिक ढांचे को सुनिश्चित बनाने के लिए एकमात्र मंत्र: हरपाल सिंह चीमा

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भ्रष्टाचार के मामले में पकड़ी गईं सीनियर सहायक को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया गया
चंडीगढ़, 13 मार्च:
पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने भ्रष्टाचार के ख़ात्मे के लिए वचनबद्धता का प्रगटावा करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की भ्रष्टाचार के विरुद्ध ज़ीरो टॉलरैंस की नीति को ही पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासनिक ढांचे को सुनिश्चित बनाने के लिए एकमात्र मंत्र बताया है। उन्होंने बताया कि विभाग ने जि़ला खज़़ाना दफ़्तर अमृतसर में तैनात सीनियर सहायक सुभदेश कौर, जिसको बीते दिन कथित रूप से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों काबू किया गया था, के मामले में तुरंत कार्यवाही करते हुए उसे तुरंत नौकरी से निलंबित कर दिया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह कदम भी पंजाब के नागरिकों के प्रति पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासनिक ढांचे की स्थापना के लिए व्यापक प्रयासों का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में गिरफ़्तारी 12 मार्च, 2024 को हुई थी, और इस संबंधी विभागीय कार्यवाही करते हुए उक्त महिला कर्मचारी को तुरंत प्रभाव से सेवा से निलंबित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि विभाग इस मामले की गहराई से जांच को सुनिश्चित बनाने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि निलंबन के समय के दौरान इस महिला कर्मचारी का हैडक्वाटर जि़ला खज़़ाना दफ़्तर, तरन तारन में तैनाती निर्धारित की गई है।
वित्त मंत्री चीमा ने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार की ज़ीरो टॉलरैंस नीति केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक ठोस कार्ययोजना है। उन्होंने कहा कि वित्तीय हेराफेरियों और भ्रष्टाचार में फंसे लोगों को कानून की पूरी ताकत का सामना करना पड़ेगा, चाहे उनका कोई भी पद या रुतबा हो। उन्होंने कहा कि अब भ्रष्टाचारियों के दिन गिने-चुने हैं क्योंकि सरकार भ्रष्टाचार के मामलों की सक्रियता के साथ जांच करते हुए मुकदमे चला रही है, जिससे यह ठोस संकेत मिलता है कि जवाबदेही का दौर शुरू हो गया है।
भ्रष्टाचार मुक्त पंजाब सृजन करने के मिशन में लोगों के सहयोग की माँग करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि ईमानदारी को बरकरार रखने और भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए हरेक व्यक्ति की भूमिका है। उन्होंने कहा कि किसी भी संदिग्ध की भ्रष्ट गतिविधियों की रिपोर्ट करना, निजी और पेशेवर व्यवहार में नैतिक मापदण्डों की पालना करना और पारदर्शिता की वकालत करना ऐसे कुछ तरीके हैं जिससे आम जनता सरकार की पहल का समर्थन कर सकती है।