सरबत सेहत बीमा योजना का ई-कार्ड न चलने पर भी निजी हस्पताल लाभार्थियों को मुहैया करवाएं इलाज: बलबीर सिद्धू
चिकित्सकीय इलाज में बीमा कंपनी को दखलअन्दाज़ी न करने की हिदायतें
पंजाब में 776.41 करोड़ रुपए की लागत से 7.03 लाख मुफ़्त इलाज सुविधाएं मुहैया करवाईं: कुमार राहुल
चंडीगढ़, 16 जून: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने आज सभी सूचीबद्ध निजी अस्पतालों को हिदायत की है कि सरबत सेहत बीमा योजना के योग्य लाभार्थी जब अस्पताल में दाखि़ल हों तो उनका इलाज या ई-कार्ड न चलने (ब्लॉक होने) के मामले में भी इलाज सुविधाएं मुहैया करवाई जाएँ। उन्होंने कहा कि लाभार्थी के ई-कार्ड में कोई त्रुटि होने की सूरत में लाभार्थी मरीज़ के इलाज के बाद ही इसको दुरुस्त किया जाए, क्योंकि ई-कार्ड सिफऱ् बीमा कंपनी द्वारा प्रमाणित किए जाते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बीमा कंपनी को कहा गया है कि इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को इलाज सेवाएं बिना देरी से मुहैया हों। पंजाब सरकार द्वारा सभी अधिकृत निजी अस्पतालों में स्कीम के अधीन योग्य लाभार्थियों को कोविड-19 का मुफ़्त इलाज भी मुहैया करवाया जा रहा और इस प्रक्रिया में और तेज़ी लाने के लिए निजी अस्पतालों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मीटिंग के दौरान बीमा कंपनी को अस्पतालों के बकाया दावे की रकम का तुरंत भुगतान करने की हिदायत भी की गई। बैंक कोड, आई.एफ.एस.सी. आदि के कारण पैदा हुए किसी भी तकनीकी मसले को नेशनल हैल्थ अथॉरिटी की मदद से निर्धारित समय में ठीक करने के लिए कहा गया।
श्री सिद्धू ने ज़ोर देते हुए कहा कि गंभीर मरीज़ों का इलाज करने वाले डॉक्टरों द्वारा लिए गए फ़ैसले में बीमा कंपनी द्वारा किसी तरह की दखलअन्दाज़ी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीमा कंपनी को हिदायत की गई है कि इलाज के मामलों की सही और सुचारू जांच की जाए, जिससे मरीज़ों का सही ढंग से इलाज हो सके। पंजाब सरकार ने स्कीम की बेहतर कारगुज़ारी पर ध्यान केन्द्रित किया गया है, जिससे कोई लाभार्थी मरीज़ स्कीम के अधीन इलाज से वंचित न रहे।
स्टेट हैल्थ एजेंसी के सी.ई.ओ. श्री कुमार राहुल ने मीटिंग में बताया कि सरबत सेहत बीमा योजना की शुरूआत से लेकर अब तक पंजाब में 776.41 करोड़ रुपए के ख़र्च के साथ 7.03 लाख व्यक्तियों का मुफ़्त इलाज किया गया है।
जि़क्रयोग्य है कि आयुष्मान भारत-सरबत सेहत बीमा योजना राज्य की एक मुख्य स्कीम है, जो राज्य की आबादी के सबसे कमज़ोर और पिछड़े वर्गों के लिए मानक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से 20 अगस्त 2019 को शुरू की गई। यह राज्य सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त सबसे बड़ी योजनाओं में से एक है, जिसके अंतर्गत तकरीबन 39.57 लाख गरीब और कमज़ोर परिवारों को दूसरे स्तर और मल्टीस्पैशियैलिटी अस्पतालों में मिल रही सजऱ्री और ऑपरेशन वाली तीसरे स्तर की सुविधाएं शामिल हैं।
मीटिंग में स्टेट स्वास्थ्य एजेंसी के ए.सी.ई.ओ. डॉ. श्वेता महेन्दरू, ज्वाइंट सीईओ अमनइन्दर कौर, बीमा कंपनी के नुमायंदे डॉ. किशोर पालीवाल और उनकी टीम के सदस्यों और एस.एच.ए. के अन्य अधिकारी शामिल हुए।